लखनऊ, 16 अप्रैल: उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को प्रयागराज में माफिया नेता अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के मारे जाने का घटनाक्रम जारी किया. विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी बयान के अनुसार अतीक और अशरफ को शाहगंज क्षेत्र स्थित मोतीलाल नेहरू क्षेत्रीय अस्पताल में शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया, जहां मीडियाकर्मी लगातार दोनों से बात करने का प्रयास कर रहे थे. यह भी पढ़ें: Atiq-Ashraf Murder: अतीक हत्याकांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन
उन्होंने बयान में कहा, "मीडिया का समूह आरोपियों तक बाइट लेने के लिए सुरक्षा घेरा तोड़ रहा था. इसी क्रम में अतीक और अशरफ दोनों मीडिया को बाइट दे रहे थे और उन्हें (पुलिस द्वारा) इस बीच मीडिया की भीड़ से आगे ले जाया गया, तीन वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया आईडी वाले लोग उनके पास पहुंचे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे दोनों घायल हो गए और (जमीन पर) गिर पड़े."
शाम को जारी बयान में कहा गया है कि भगदड़ के कारण कुछ मीडियाकर्मी और एक पुलिसकर्मी मान सिंह भी घायल हो गए। घायल अतीक और अशरफ को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया, घायल पुलिसकर्मी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. कुमार ने बयान में बताया कि तीनों हमलावरों को पुलिसकर्मियों ने आवश्यक बल प्रयोग करते हुए पकड़ लिया. तीनों की पहचान बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) के रूप में हुई है. अब तक मिली जानकारी के अनुसार सनी एक पेशेवर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ हमीरपुर में हत्या, लूट, नशे की तस्करी और हत्या के प्रयास समेत 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उन्होंने बताया कि लवलेश तिवारी के खिलाफ शहर और बेबेरू थाना बांदा में अवैध शराब बेचने, मारपीट, छेड़खानी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के मामले दर्ज हैं. तीसरे अभियुक्त अरुण कुमार मौर्य के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि तीनों के पास से पुलिस ने 30 मिमी की एक पिस्तौल, नौ मिमी गिरसन पिस्तौल (तुर्की में निर्मित), नौ मिमी जिगाना पिस्तौल तथा तीन आग्नेयास्त्र बरामद किए गये. इस संबंध में शाहगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.
विशेष पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पीड़ितों के पोस्टमार्टम के बाद नियमानुसार उनके परिजनों को सौंप दिया गया. पूरे घटना की रिपोर्ट स्थानीय स्तर से राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग को भेज दी गई है.
इस बीच राज्य सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है जो दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा.
आयोग की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे, जबकि पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और पूर्व जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी इसके सदस्य के रूप में काम करेंगे.
उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इसी साल फरवरी में प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में पूछताछ के लिए अतीक और अशरफ दोनों को गुजरात और बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था. स्थानीय अदालत ने 13 अप्रैल को दोनों को 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर दे दिया था और उनसे धूमनगंज थाने में पूछताछ शुरू की गई थी.
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