नयी दिल्ली, 20 नवंबर रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने बुधवार को कहा कि फिलहाल बातचीत के लिए ज्यादा आधार नहीं दिखता लेकिन मॉस्को कीव के साथ बैठकर बातचीत करने के लिए तैयार है, बशर्ते इसका कोई ‘‘स्वीकार्य आधार’’ हो।
अलीपोव ने यह बात यहां ब्रिक्स और इसकी संभावनाओं पर आयोजित एक संवाद सत्र के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कही। इस सत्र की मेजबानी रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने की।
उन्होंने सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में ब्रिक्स की सराहना की तथा उभरती अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह को ‘‘नयी वास्तविकताओं का प्रतिबिंब’’ बताया।
फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष को सोमवार को 1,000 दिन पूरे हो गए।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस इस संघर्ष का समाधान निकालने के लिए यूक्रेन के साथ बातचीत करने को तैयार है, राजदूत ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से कहें तो, (हमें) इस समय वार्ता के लिए ज्यादा आधार नहीं दिखता।’’
अलीपोव ने कहा, ‘‘हम बैठकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि बातचीत का कोई आधार हो।’’
उन्होंने कहा कि इस आधार में सबसे पहले जमीनी हकीकत, यूक्रेन में रूसी नागरिकों और रूसी मूल के यूक्रेनी नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षण के दृष्टिकोण से रूस के हित शामिल होने चाहिए।
अलीपोव ने कहा, ‘‘बातचीत के लिए आधार होना चाहिए और बशर्ते इसके लिए स्वीकार्य आधार हो... चाहे वह (वोलोदिमीर) जेलेंस्की हों या कोई अन्य व्यक्ति, यह एक ऐसा प्रश्न है, जिस पर मैं फिलहाल बात नहीं करूंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि जब दो बड़े संघर्ष जारी हैं तो क्या ऐसे में निकट भविष्य में कोई नयी विश्व व्यवस्था बनेगी, राजदूत ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि संघर्ष समाधान के लिए ब्रिक्स एक प्रमुख मंच बनने में पूरी तरह सक्षम है।’’
अलीपोव ने कहा, ‘‘हमारा मानना है और ब्रिक्स के भीतर की प्रक्रिया एवं चर्चाओं से यह पता चलता है कि ब्रिक्स कम से कम संघर्ष समाधान के लिए चर्चा का एक मंच बनने में सक्षम होगा। यह वर्तमान या भविष्य के संघर्षों को हल करने में सक्षम है या नहीं, यह देखना अभी बाकी है।’’
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