लाहौर: पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के कम से कम आठ गुंबद आंधी के चलते गिर गए. इससे सिखों के पवित्र धर्मस्थल के विस्तार कार्य में खराब सामग्री के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठने लगे. भारत ने इस मामले को पाकिस्तान के साथ उठाया और मांग की कि हुई क्षति को तत्काल ठीक किया जाना चाहिए. खराब मौसम की वजह से गुरुद्वारे के ढहे गुंबद और अन्य नुकसान की तस्वीरें सप्ताहांत में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. पिछले साल नवंबर में, दोनों देशों ने भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक साहिब और पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को जोड़ने वाले एक गलियारे को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया था.
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है. गलियारे के खुलने से पहले करतारपुर साहिब के विस्तार कार्य में खराब गुणवत्ता की सामग्री इस्तेमाल किये जाने पर सवाल उठाए जा रहे थे. आम तौर पर सीमेंट और लोहे से बनने वाले गुंबदों को फाइबर शीट का उपयोग करके बनाया गया था. ऐसा प्रतीत हुआ कि पाकिस्तान सरकार ने गलियारे को खोलने के लिए नौ नवंबर की समयसीमा को देखते हुए निर्माण कार्य से समझौता किया था. एक पाकिस्तानी अधिकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात तेज हवाओं और बारिश के कारण कम से कम आठ गुंबद क्षतिग्रस्त हो गए और गिर गए. उन्होंने कहा, ‘‘गुंबद फाइबर से बने थे, इसीलिए तेज हवाओं से गिर गए.’’ यह भी पढ़ें: Coronavirus: करतारपुर साहिब यात्रा पर अस्थायी रोक
भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि गुरुद्वारे में ढांचे को नुकसान होने के कारण सिख समुदाय में चिंता व्याप्त है. एक सूत्र ने कहा, " भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया है कि सिख समुदाय की भावनाओं के सम्मान में, जिन कमियों के कारण इमारत को नुकसान पहुंचा, उन्हें तत्काल दुरुस्त किया जाना चाहिए." हालांकि पाकिस्तान सरकार ने दावा किया है कि उसने करतारपुर साहिब में ‘‘हवा और वर्षा से हुए क्षति को कुछ ही घंटों में ठीक कर दिया.’’