देश की खबरें | असम खदान त्रासदी: बचाव प्रयास जारी, फंसे खनिकों के बचे होने की संभावना क्षीण

गुवाहाटी, 13 जनवरी असम के दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान से पानी निकालने का काम सोमवार को आठवें दिन भी जारी रहने के बीच उसमें फंसे पांच खनिकों के बचे होने की संभावना और कम होती जा रही है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यहां से लगभग 250 किलोमीटर दूर उमरंगशु में छह जनवरी को खदान के अंदर नौ श्रमिक फंस गए थे, जिनमें से अब तक चार शव बरामद किए गए हैं।

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) और ‘कोल इंडिया’ द्वारा लाई गई विशेष पंपिंग मशीनों की मदद से खदान से पानी निकाला जा रहा है।

घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि खदान में जलस्तर काफी घट गया है, लेकिन यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि इससे ‘कब पूरी तरह से पानी निकल जाएगा या खदान के अंदर बचाव और खोज अभियान कब फिर शुरू होगा।’’

पहले दिन से ही नौसेना, सेना, असम राइफल्स, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से बचाव अभियान शुरू किया था।

अधिकारी ने कहा, ‘‘शेष खनिकों के बचे होने की संभावना कम होती जा रही है, क्योंकि वे आठवें दिन भी फंसे हुए हैं, लेकिन बचाव अभियान जारी रहेगा।’’

अधिकारी ने बताया कि फंसे हुए खनिकों की तस्वीरें लेने के लिए नियमित अंतराल पर खदान के अंदर एक ‘अंडरवाटर रिमोट ऑपरेटिंग व्हीकल (आरओवी)’ भी भेजा जा रहा है।

घटनास्थल पर चल रहे कार्यों की निगरानी कर रहे राज्य के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने कहा कि मंगलवार तक जल निकासी का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पहले दावा किया था कि इस खदान को 12 साल पहले बंद कर दिया गया था और तीन साल पहले तक यह असम खनिज विकास निगम के अधीन थी।

उन्होंने कहा कि खदान के मजदूरों के नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस जांच कर रही है

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इस खनन त्रासदी की एसआईटी जांच के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)