
डिब्रूगढ़, 27 जून: असम के डिब्रूगढ़ शहर में बृहस्पतिवार सुबह भारी बारिश के बाद अधिकतर सड़कों पर पानी भर गया. इनमें व्यस्त मनकोट्टा रोड भी शामिल है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित डिब्रूगढ़ में अनियोजित जल निकासी व्यवस्था के कारण उन्हें दशकों से बाढ़ और जलभराव का सामना करना पड़ रहा है. डिब्रूगढ़ निवासी परिमल बानिक ने कहा, "लचर जल निकासी व्यवस्था के कारण जलभराव की समस्या होती है. हालांकि संबंधित विभाग हर वार्ड में सड़कें बनाता है, लेकिन वह इन सड़कों के पास नालियों की खुदाई करने से बचते हैं."
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़ टाउन प्रोटेक्शन (डीटीपी) नाले के पास अतिक्रमण के कारण बारिश का पानी शहर से बाहर नहीं जा पाता है, जिसके चलते कई क्षेत्रों में जलभराव हो जाता है.
सेवानिवृत्त प्राध्यापक इस्माइल अहमद ने कहा, ‘‘हमें एक वैज्ञानिक जल निकासी प्रणाली की आवश्यकता है जो शहर से पानी को बाहर निकाल सके. डिब्रूगढ़ असम के सबसे पुराने शहरों में से एक है और बरसात के मौसम में यह सबसे ज्यादा प्रभावित होता है.’’
इस दौरान असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, हालांकि बुधवार शाम तक सात जिलों में लगभग 1.4 लाख लोग अब भी प्रभावित हैं. कछार में सबसे अधिक लगभग 75 हजार लोग प्रभावित हैं, वहीं करीमगंज में करीब 56500 लोग और धेमाजी में लगभग 3800 लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं.
इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान आदि के कारण अब तक राज्य में 41 लोगों की जान जा चुकी है.
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