रांची, 31 अगस्त : असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी यादव की नमाज पढ़ने के नियम संबंधी टिप्पणी की आलोचना की और उन्हें उपदेश देने से पहले अभ्यास करने की सलाह दी. शर्मा यहां झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व नेता लोबिन हेम्ब्रम के भाजपा में शामिल होने के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहे थे. शर्मा ने कहा, “तेजस्वी यादव मेरी आलोचना कर रहे हैं लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं...क्या बिहार में ऐसी कोई प्रथा है? आपको (यादव को) बिहार के उपमुख्यमंत्री रहते हुए चार घंटे का ब्रेक लागू करना चाहिए था. उपदेश देने से पहले खुद इसे करके दिखाते.”
असम विधानसभा में दो घंटे का जुमा अवकाश रद्द किए जाने के बाद यादव ने शुक्रवार को शर्मा पर “सस्ती लोकप्रियता” पाने का आरोप लगाया था. शर्मा ने कहा, “मैं दो घंटे के जुमा ब्रेक को फिर से लागू करूंगा, अगर मुझे सलाह देने वाले लोग अपने-अपने राज्यों में चार घंटे के ब्रेक को लागू कर दें.” उन्होंने कहा कि असम विधानसभा को छोड़कर, लोकसभा या राज्यसभा सहित कहीं भी 1937 से ब्रिटिश विरासत की ऐसी प्रथा का प्रावधान नहीं है.
उन्होंने कहा, “दो घंटे की जुमा छुट्टी खत्म करना मुख्यमंत्री का फैसला नहीं है, बल्कि यह सभी हिंदू और मुस्लिम विधायकों का फैसला है. शुक्रवार को जब विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी घोषणा की तो सदन में किसी मुस्लिम विधायक ने कोई विरोध नहीं जताया. असम विधानसभा में कुल 126 विधायकों में से 25 मुस्लिम विधायक हैं.” यह भी पढ़ें : एससी-एसटी ‘क्रीमीलेयर’ का मुद्दा इन वर्ग के लोगों को बांटने वाला है: मायावती
उन्होंने बताया कि विधानसभा की प्रक्रिया नियमों में इस प्रावधान को समाप्त करने का प्रस्ताव अध्यक्ष के नेतृत्व वाली नियम समिति के समक्ष रखा गया, जिसने सर्वसम्मति से इस प्रथा को समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की. शर्मा ने कहा कि इस फैसले की आलोचना केवल असम के बाहर हो रही है, जबकि राज्य के विधायकों ने देश के विकास के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.