देश की खबरें | सीबीआई के धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अशोका यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापकों ने पद छोड़े

नयी दिल्ली, सात जनवरी अशोका यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापकों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता ने 1600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मामला दर्ज किए जाने के कुछ दिनों बाद विश्वविद्यालय के सभी बोर्ड और समितियों से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, संस्थान ने इस मामले से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है।

सीबीआई ने गुप्ता बंधुओं पर उनकी चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी, पैराबोलिक ड्रग्स से जुड़े 1,626 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है।

सोनीपत स्थित विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ सीबीआई जांच से उसका कोई लेना-देना नहीं है और इससे उसे जोड़ने का कोई भी प्रयास ‘‘ओछा और भ्रामक’’ है।

इसने एक बयान में कहा, ‘‘विश्वविद्यालय के 200 से अधिक संस्थापक और दानदाता हैं, जिन्होंने अशोका के लिए व्यक्तिगत परोपकारी योगदान दिया है। उनके व्यक्तिगत व्यावसायिक लेनदेन और संचालन का विश्वविद्यालय से कोई संबंध नहीं है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘अशोका में शासन के उच्च मानकों को ध्यान में रखते हुए विनीत और प्रणव गुप्ता ने सीबीआई द्वारा मामले की जांच जारी रहने तक विश्वविद्यालय के सभी बोर्ड और समितियों से स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।’’

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद, सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को चंडीगढ़, पंचकूला, लुधियाना, फरीदाबाद और दिल्ली में 12 स्थानों पर आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर छामेमारी की थी।

एजेंसी के अनुसार, आरोपियों ने ‘‘आपराधिक साजिश, जालसाजी, दस्तावेजों के जाली होने का पता होने के बावजूद उसका उपयोग करके बैंकों के समूह धोखा दिया और ऋण राशि का लाभ उठाया और उसके बाद उसका अन्य जगह उपयोग किया।’’

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