नयी दिल्ली, 5 नवंबर: राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली सरकार की मदद कर रही और सर्वाधिक प्रदूषण वाले स्थानों पर पानी का छिड़काव कर रही है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, ‘‘दमकल के कुल 12 वाहनों को प्रदूषण में कमी लाने के काम पर लगाया गया है। चिह्लित किये गए सर्वाधिक प्रदूषित स्थानों पर पानी का छिड़काव करना शुरू कर दिया गया है.’’
गर्ग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पानी के छिड़काव से नागरिकों को थोड़ी राहत मिलेगी. इस बीच, दिल्ली में रविवार को लगातार छठे दिन जहरीली धुंध लगी रही और हवा की प्रतिकूल दशाओं, खासतौर पर रात को हवा की मंद गति की वजह से प्रदूषण का स्तर एक बार फिर ‘अति गंभीर श्रेणी’ में दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक शनिवार शाम चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई)415 दर्ज किया गया और इसमें इसके बाद से और गिरावट आई, रविवार सुबह सात बजे एक्यूआई 460 दर्ज किया गया, जबकि पूर्वाह्न 11 बजे यह 461 रहा.
प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए दिल्ली की शिक्षामंत्री आतिशी ने रविवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी के प्राथमिक विद्यालयों में 10 नवंबर तक छुट्टी रहेगी. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर आतिशी ने लिखा, ‘‘प्रदूषण का उच्च स्तर बना हुआ है और प्राथमिक विद्यालय 10 नवंबर तक बंद रहेंगे। छठी से 12वीं कक्षाओं को ऑनलाइन संचालित करने का विकल्प होगा.’’ इससे पहले, दो नवंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के सभी निजी एवं सरकारी प्राथमिक विद्यालय तीन और चार नवंबर को बंद रहेंगे.
केंद्र की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में एक्यूआई 450 के पार होते ही आपात योजना लागू हो जाती है, जिसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक, वाणिज्यिक वाहनों और सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगना अनिवार्य है. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' और 450 से ऊपर को ‘अति गंभीर’ माना जाता है.
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