ईटानगर, 27 अप्रैल: गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी छिपाने के कारण अरुणाचल प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक दसांगलू पुल की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई. उच्च न्यायालय की ईटानगर पीठ ने 25 अप्रैल को एक आदेश में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजाव जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से उनके (पुल) चुनाव को अवैध घोषित कर दिया. यह भी पढ़ें: PM Modi On Congress: कर्नाटक चुनाव से पहले पीएम मोदी ने भरी हुंकार, कहा- कांग्रेस मतलब झूठ और भ्रष्टाचार की गारंटी, उनकी वारंटी भी समाप्त
दासंगलू पुल (45), अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी है. उन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद 2016 में उप चुनाव में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी उसके बाद 2019 में वो हयुलियांग विधानसभा सीट से दोबारा चुनी गईं.
वर्ष 2019 में पुल से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार लुपलम क्री ने इसे चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति नानी तगिया की पीठ ने कहा कि "प्रतिवादी उम्मीदवार ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 के अनुरूप अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत नहीं किया था और इस तरह, प्रतिवादी का नामांकन पत्र उक्त अधिनियम की धारा 36 (2) (ए) के तहत खारिज किया जाता है."
क्री ने अपनी याचिका में दावा किया था कि पुल की उम्मीदवारी काफी हद तक दोषपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने हलफनामे में अपने पति की मुंबई में चार और अरुणाचल प्रदेश में दो संपत्तियों की घोषणा नहीं की थी. हालांकि, भाजपा विधायक ने अदालत में कहा कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के मद्देनजर कलिखो पुल की पहली पत्नी डांगविमसाई पुल उनकी संपत्ति की मालकिन हैं जिस वजह से उन्होंने चुनावी हलफनामे में इनमें से किसी भी संपत्ति का जिक्र नहीं किया. पुल ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगी.
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