जम्मू, 16 जुलाई जम्मू शहर से शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच 5,800 से अधिक अमरनाथ तीर्थयात्रियों का 17 वां जत्था कश्मीर के पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
खराब मौसम के चलते पिछले रविवार को स्थगित कर दी गई यह सालाना तीर्थयात्रा सोमवार को बहाल हो गई। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के अचानक पानी की तेज प्रवाह आने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी।
दक्षिण कश्मीर में 3,380 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए 43 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा 30 जून को दो परंपरागत मार्गों से शुरू हुई थी। इनमें एक मार्ग दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 48 किमी लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है जबकि दूसरा रास्ता मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले में 14 किमी लंबा बालटाल मार्ग है।
अधिकारियों ने बताया कि कुल 5,838 तीर्थयात्री यहां भगगवती नगर यात्री निवास से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा के बीच 223 वाहनों से रवाना हुए।
उन्होंने बताया कि पहले बालटाल के लिए 2,547 तीर्थयात्री भगवती नगर शिविर से 97 वाहनों से तड़के तीन बजकर 20 मिनट पर रवाना हुए, फिर 3291 तीर्थयात्री 126 वाहनों से पहलगाम के लिए प्रात: चार बजकर 20 मिनट पर रवाना हुए।
इसके साथ ही भगवती नगर आधार शिविर से 29 जून से अब तक कुल 99,825 तीर्थयात्री घाटी के लिए रवाना हो चुके हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 जून को तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को विदा किया था।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 1.65 लाख से अथिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन किये हैं।
तीर्थयात्रा रक्षाबंधन के अवसर पर 11 अगस्त को संपन्न होगी।
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