ईटानगर, 11 जनवरी सेना ने ‘ऑपरेशन सद्भावना’ और ‘जीवंत ग्राम कार्यक्रम’ के तहत अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती पश्चिमी कामेंग और तवांग जिले में रहने वाले 22 ग्रामीणों को आध्यात्मिक यात्रा पर रवाना किया।
शनिवार को यहां रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस पहल का उद्देश्य संस्कृति के संरक्षण, आध्यात्मिक ज्ञान और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना है।
इस यात्रा को शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह यात्रा विभिन्न गांवों के मुखिया और पूर्व सैनिकों समेत अन्य प्रतिभागियों को पहली बार अपने गांवों से बाहर निकलने का अनुभव देगी, जिससे सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।
बयान के अनुसार, यात्रा के तहत ये लोग भारत के प्रतिष्ठित आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे।
नयी दिल्ली में यह दल विश्व बौद्ध केंद्र और राष्ट्रपति भवन का भ्रमण करेगा। उसके बाद यह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और मैकलोडगंज की यात्रा करेगा, जहां वह कालचक्र मंदिर और दलाई लामा मंदिर में दर्शन करेगा।
इस यात्रा का समापन बोधगया में होगा, जहां यात्री महाबोधि और अन्य पावनस्थलों के आध्यात्मिक महत्व का अनुभव प्राप्त करेंगे।
बयान के मुताबिक, यात्रा के दौरान यह दल तिब्बती बौद्धमठों एवं बौद्धमंदिरों में भी जाएगा।
बयान में कहा गया है कि यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को भारत की समृद्ध विरासत से जोड़ने और राष्ट्रीय गौरव एवं एकीकरण को बढ़ावा देने में सेना की भूमिका पर प्रकाश डालती है।
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