जम्मू, 24 अक्टूबर : जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुंछ जिले के एक जंगल में सेना और पुलिस के संयुक्त तलाशी दल पर रविवार को आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार एक पाकिस्तानी आतंकवादी की मौत हो गई और तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि मेंढर के भट्टा दुर्रियां जंगल से भारी गोलीबारी और विस्फोट की खबरें हैं. मेंढर के साथ राजौरी जिले के थानामंडी और पुंछ के सुरनकोट के समीप के जंगलों में आतंकवादियों की धर पकड़ के लिए बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है. अभियान रविवार को 14वें दिन भी जारी रहा. इससे पहले, 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को सुरनकोट और मेंढर में अलग-अलग घटनाओं में नौ सैन्यकर्मियों की मौत हो चुकी है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आज सुबह भट्टा दुर्रियां जंगल में आतंकवादियों की गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी, सेना का एक जवान और उनके द्वारा गिरफ्तार लश्कर-ए- तैयबा से संबद्ध पाकिस्तानी आतंकवादी जिया मुस्तफा घायल हो गया. प्रवक्ता ने बताया, ‘‘आतंकवादियों के खिलाफ जारी अभियान, जिसमें सेना के तीन जवान और एक जेसीओ शहीद हो गए, उसके दौरान आतंकवादियों के ठिकाने की पहचान करने के लिए मुस्तफा को भट्टा दुर्रियां ले जाया जा रहा था.’’
उन्होंने बताया, ‘‘तलाश के दौरान जब दल ठिकाने के पास पहुंचा तो आतंकवादियों ने पुलिस और सेना के संयुक्त दल पर गोलीबारी कर दी, जिसमें सेना का एक जवान और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए.’’ पुलिस ने बताया कि इस दौरान मुस्तफा भी घायल हो गया और उसे भारी गोलीबारी के बीच वहां से निकाला नहीं जा सका. प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बाद में अभियान के दौरान अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भेजे गए और मुस्तफा का शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किया गया.’’ प्रवक्ता के अनुसार वहां पर (आतंकवादियों को मार गिराने के लिए) अभियान अभी चल ही रहा है और पाकिस्तानी आतंकवादी के मारे जाने के संबंध में कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रावलकोट का रहने वाला मुस्तफा पिछले 14 साल से कोट भलवल जेल में था. जांच के दौरान कश्मीर में छिपे आतंकवादियों से उसके संपर्क का पता चलने के बाद उसे मेंढर में पुलिस रिमांड पर लाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर से गिरफ्तार किए जाने से पहले मुस्तफा इसी मार्ग से भारत की ओर घुस आया था. यह भी पढ़ें : सामाजिक न्याय मंत्रालय ने कम मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी को अपराध की श्रेणी से हटाने की सिफारिश की
दोनों सीमावर्ती जिलों में वन क्षेत्रों में अभियान 11 अक्टूबर को शुरू हुआ जब आतंकवादियों ने एक तलाशी दल पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पुंछ के सुरनकोट जंगल में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे और उसी दिन पास के थानामंडी में एक और गोलीबारी हुई. सुरक्षा बलों के भाग रहे आतंकवादियों को मार गिराने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान बढ़ाने पर 14 अक्टूबर को आतंकवादियों ने फिर से हमला किया और मेंढर के नर खास जंगल में आतंकवादियों के हमले में एक जेसीओ सहित चार सैनिक शहीद हो गए. अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से चार किलोमीटर की दूरी पर जंगल में पैरा-कमांडो समेत मार्च कर रहे सैनिकों की सहायता के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है. अधिकारियों ने बताया कि दो महिलाओं सहित दस लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. इन लोगों के बारे में पता चला था कि उन्होंने कथित तौर पर आतंकवादियों को भोजन और आश्रय सहित रसद देकर सहायता की थी. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: आगरा के एसएसपी और अयोध्या के डीएम का हुआ तबादला
सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि जंगल का एक बड़ा हिस्सा साफ कर दिया गया है और अब तलाश का क्षेत्र कई प्राकृतिक गुफाओं वाले स्थान तक सीमित है. अधिकारी ने बताया, ‘‘11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर को शुरुआती मुठभेड़ों के बाद आतंकवादियों का कोई सुराग नहीं मिला. आतंकवादियों की तलाश में तलाशी क्षेत्र का विस्तार किया गया.’’ अधिकारी ने बताया कि मौसम की स्थिति के आधार पर एक या दो दिन में अभियान के पूरा होने की उम्मीद है. जारी अभियान के मद्देनजर रविवार को नौवें दिन भी एहतियात के तौर पर जम्मू-राजौरी राजमार्ग पर मेंढर और थानामंडी के बीच यातायात बंद कर दिया गया. जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ में इस साल जून से घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग मुठभेड़ों में नौ आतंकवादी मारे गए हैं.