चंडीगढ़, 18 नवंबर पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार के ‘अड़ियल’ रवैये की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करे इसके बाद वे यात्री रेलगाड़ियों को चलने देने पर विचार करेंगे।
मीडिया से यहां बात करते हुए किसान नेताओं ने जोर देकर कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसान नेता रुलदू सिंह ने कहा, ‘‘ केंद्र ने पंजाब और यहां के किसानों, कारोबारियों और श्रमिकों के खिलाफ अड़ियल रवैया अपनाया है और हम केंद्र सरकार के इस रुख की निंदा करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में मालगाड़ियों का परिचालन रोके हुए करीब एक महीने का समय हो गया है।
पंजाब किसान यूनियन के नेता सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को पहले मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करना चाहिए और उसके बाद हम यात्री गाड़ियों के परिचालन पर आपात बैठक कर फैसला करेंगे।’’
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अगर केंद्र मालगाड़ियों का परिचालन शुरू करता है तो हम यात्री गाड़ियों के बारे में सोचेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पंजाब में मालगाड़ियों के परिचालन को बहाल करने से इनकार कर दिया है। रेलवे का कहना है कि या तो वह मालगाड़ी और यात्री गाड़ी दोनों का परिचालन करेगा या फिर किसी का भी परिचालन नहीं करेगा।
किसानों ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ हुई बैठक बेनतीजा रहने के कई दिन बाद यह बैठक की।
सिंह ने कहा कि केंद्र के अड़ियल रवैये की वजह से किसान, कारोबारी और श्रमिक बुरी तरह से प्रभावित हुए है।
उन्होंने आगे कहा कि करीब 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधि कृषि कानूनों के खिलाफ 26 और 27 नवंबर को दिल्ली प्रदर्शन करने के लिए ट्रैक्टर से जाने को तैयार हैं।
उन्होंने बताया, ‘‘लाखों किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाने को तैयार हैं।
कोरोना वायरस महामारी के चलते दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने पर उन्होंने कहा कि यह ‘बहाना’ है।
सिंह ने कहा, ‘‘वे अनुमति दें या नहीं, हम दिल्ली जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’’
उल्लेखनीय है कि ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन का आह्वान पूरे देश के 200 किसान संगठनों के मंच ‘ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान राज्य में भाजपा नेताओं के घर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।
उनसे पूछा गया कि क्या वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी घेराव करेंगे अगर वह पंजाब आते हैं? इस पर सिंह ने कहा कि वे निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि नड्डा 19 नवंबर को पंजाब के 10 जिलों के पार्टी कार्यालय का डिजिटल उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी की तैयारियों की समीक्षा के लिए उनका तीन दिन का पंजाब दौरा प्रस्तावित है।
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