रांची, 17 नवंबर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय रवाना होने से पहले बृहस्पतिवार को कहा कि खनन पट्टे संबंधी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोरेन को राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि वह विपक्ष की साजिश का शिकार हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘एजेंसी को मामले की विस्तृत जांच के बाद ही आरोप लगाना चाहिए.’’ ईडी ने कहा है कि उसने राज्य में अब तक 1,000 करोड़ रुपये के अवैध खनन से संबंधित अपराध का ‘पता’ लगाया है. सोरेन ने कहा, ‘‘अगर हम खानों और खनिजों से सालाना राजस्व की गणना करें, तो यह 1000 करोड़ रुपये तक नहीं पहुंचेगा. मैं ईडी कार्यालय जा रहा हूं और यह देखना चाहता हूं कि वे उस आंकड़े पर कैसे पहुंचे.’’ यह भी पढ़ें : UP Assembly Election 2022: मैनपुरी में मुलायम के सहारे अखिलेश को मात देने की भाजपा की रणनीति
इस बीच, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ईडी कार्यालय के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. सोरेन के ईडी के सामने पेश होने से ठीक पहले बृहस्पतिवार पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे रांची के हिनू इलाके में स्थित एजेंसी के कार्यालय के आसपास लगभग दो किलोमीटर के क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई. रांची के अनुमंडलीय मजिस्ट्रेट दीपक दुबे ने एक अधिसूचना जारी की कि अनेक संगठनों के धरना प्रदर्शन की सूचना के आलोक में ईडी के कार्यालय के निकट पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. ईडी कार्यालय के आस-पास बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है.