चंडीगढ़, 4 जनवरी : हरियाणा (Haryana) में विपक्षी दलों द्वारा मंत्री संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए दोषी नहीं हो जाता कि उसके खिलाफ आरोप लगा है. सिंह के खिलाफ एक महिला कोच का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. खट्टर ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. सिंह ने रविवार को यह कहते हुए अपना खेल विभाग छोड़ दिया कि उन्होंने नैतिक आधार पर यह कदम उठाया है और दावा किया कि उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं. दूसरी ओर अपना बयान दर्ज कराने के लिए महिला कोच चंडीगढ़ पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश हुईं. महिला कोच के बयान करीब आठ घंटे तक दर्ज किये गये.
महिला कोच ने देर शाम पत्रकारों से बात की. यह पूछने पर कि क्या किसी तरह का दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें किसी का फोन आ रहा है, इस पर कोच ने कहा कि उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए पैसे की पेशकश की जा रही है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कितना पैसा आप लेना चाहती हैं... अपनी शिकायत वापस न लें, लेकिन अपना मुंह बंद रखें और 15 दिन या एक महीने के लिए देश से बाहर चली जाएं. एक महीने के बाद आपको अपना मुंह बंद रखने के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे और बाद में आपको जितना पैसा चाहिए उतना दिया जाएगा-- मुझे इस तरह के फोन आ रहे हैं.’’ कॉल करने वाले की पहचान के बारे में पूछे जाने पर उनके साथ मौजूद उनके वकील दीपांशु बंसल ने कहा कि सभी विवरण एसआईटी के साथ साझा किए गए हैं. वकील ने यह भी कहा कि कोच के पास जो भी रिकॉर्ड उपलब्ध था, वह पुलिस को दे दिया गया है और जांच के तहत उनका मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया है. यह भी पढ़ें : Patna Gang Rape: पटना में नाबालिग लड़की का अपहरण कर 5 युवकों ने किया सामूहिक दुष्कर्म
भारत के पूर्व हॉकी कप्तान सिंह ने कहा था कि उन्होंने खेल विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री खट्टर को सौंप दिया है. हालांकि, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले हरियाणा मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक महिला खिलाड़ी ने खेल मंत्री के खिलाफ बेतुका आरोप लगाया है. लेकिन सिर्फ आरोप लगाने से कोई व्यक्ति दोषी नहीं हो जाता है. पुलिस आरोपों की जांच भी करती है (उनकी पुष्टि करने के लिए).’’ ब्रह्मकुमारी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए राजस्थान के सिरोही गए खट्टर ने कहा, ‘‘चंडीगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है और हरियाणा पुलिस भी अपनी रिपोर्ट संकलित कर रही है. (जांच) रिपोर्ट आने के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे.’’ खट्टर ने कहा, ‘‘खेल विभाग में मंत्री होने के नाते, एक मुद्दा उठाया जा सकता है कि निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है. इसलिए, वह (सिंह) खेल मंत्री नहीं रहेंगे, वह वहां से हट चुके हैं ताकि एक उचित और निष्पक्ष जांच हो.’’ चंडीगढ़ पुलिस ने शनिवार को भाजपा नेता सिंह (36) के खिलाफ यौन उत्पीड़न और गलत तरीके से बंधक बनाकर रखने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की.
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ने सिंह द्वारा कोच के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद एक समिति का गठन किया. सिंह ने कोच के खिलाफ शिकायत में दावा किया कि उसने उनकी छवि खराब की है. सोमवार को एक खाप पंचायत ने चेतावनी दी थी कि अगर सिंह को बर्खास्त नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे. एक महिला संगठन ने यह भी मांग की कि हरियाणा सरकार को मंत्री के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करनी चाहिए. अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की उपाध्यक्ष जगमती सांगवान ने कहा कि ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’ या ‘पीओएसएच’ अधिनियम के तहत दिशानिर्देश स्पष्ट हैं, ‘‘आरोपी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और आपराधिक कार्यवाही की जानी चाहिए.’’