UP Assembly Election 2022: अखिलेश यादव ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- आखिरी समय में बनारस में ही रहा जाता है
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits-PTI)

इटावा (उत्तर प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) के उद्घाटन के बाद भाजपा सरकार (BJP Government) की ओर से एक महीने तक कार्यक्रम आयोजित करने पर समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आखिरी समय में बनारस (Banaras) में ही रहा जाता है. यहां यादव से जब संवाददाताओं ने यह कहा कि वाराणसी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं और वहां एक महीने का कार्यक्रम रखा जा रहा है, तब उन्होंने कहा "बहुत अच्छी बात है. एक महीना नहीं, दो महीने, तीन महीने रहें, अच्छी बात है. वह जगह रहने वाली है. आखिरी समय पर बनारस में ही रहा जाता है." Kashi Vishwanath Dham: पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- आततायियों ने काशी को ध्वस्त करने के प्रयास किए, नगर अपने गौरव को फिर से नई भव्यता दे रहा

हिंदू धर्म में जीवन के अंतिम दिनों में काशी में रहने को काफी महत्व दिया जाता है. यादव ने भाजपा पर भगवान के मामले में भी झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दोहराया कि वह तमाम ऐसी परियोजनाओं का श्रेय ले रही है जिन्हें पिछली सपा सरकार ने शुरू कराया था.

उन्होंने कहा, "भाजपा नेता झूठ बोलते हैं। वे हमारे और आपके सामने तो झूठ बोल लें, लेकिन जब बात भगवान से जुड़ी हो तो झूठ नहीं बोलना चाहिए. प्रदेश में भाजपा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर रही है वह हमारी ही सरकार की हैं. या तो हमारी सरकार ने उन्हें स्वीकृत किया था या उनका प्रस्ताव किया था."

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया. पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह परियोजना उनके शासनकाल में मंत्रिमंडल द्वारा पारित की गई थी.

सपा प्रमुख ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इटावा आये और इस दौरान उन्होंने जिन विकास कार्यों का उद्घाटन किया वे सब सपा शासन में बने थे.

सपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित हार से घबराकर भाजपा ने नए कृषि कानून वापस लिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा के लिये वोट महत्वपूर्ण हैं, किसान नहीं. अगर भाजपा को किसान की जरा सी परवाह होती तो कृषि कानूनों के विरोध में इतना लम्बा आन्दोलन नहीं चलता. इस दौरान 700 किसानों की जान चली गई. ’’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मे चुनाव हारने का मतलब प्रधानमंत्री का जाना और भविष्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आना है.

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