मुंबई, 25 जनवरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार गुट ने पार्टी की आंतरिक चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट के पूर्व मंत्री जयंत पाटिल निर्वाचित नहीं बल्कि महाराष्ट्र इकाई के मनोनीत अध्यक्ष थे।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष बुधवार को अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान राकांपा के अजित पवार गुट ने यह टिप्पणी की।
पाटिल ने कहा कि वह राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं क्योंकि उन्हें इस पद के लिए चुना गया था और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने उन्हें उस वक्त इस आशय का एक पत्र दिया था जो अब अजित पवार समूह के सदस्य हैं।
अजित पवार गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि राज्य राकांपा अध्यक्ष के रूप में पाटिल का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो गया।
पाटिल ने तर्क का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें तीन साल के लिए चुना गया था और उनका कार्यकाल नयी नियुक्ति होने तक जारी रहेगा।
सुनवाई के दौरान पाटिल से 90 सवाल पूछे गए।
शिरूर से लोकसभा सदस्य अमोल कोल्हे से भी जिरह की गई।
राकांपा की स्थापना 1999 में हुई थी और पार्टी को उस वक्त विभाजन का सामना करना पड़ा जब अजित पवार और उनके करीबी आठ अन्य राकांपा विधायकों ने दो जुलाई, 2023 को शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
इसके बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के सदस्यों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने का अनुरोध करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिकाएं दायर कीं।
उच्चतम न्यायालय ने राकांपा अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के लिए 31 जनवरी की समय सीमा तय की है।
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