चंडीगढ़, 25 अक्टूबर : दिवाली के बाद पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में मंगलवार सुबह हवा की गुणवत्ता 'खराब' और 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. . केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में गुरुग्राम और पंजाब में लुधियाना में सुबह 10:10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 313 और 269 दर्ज किया गया. हरियाणा के अन्य जिलों में, फरीदाबाद, चरखी दादरी, भिवानी, अंबाला, बहादुरगढ़, सोनीपत, जींद, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पानीपत में क्रमशः 311, 301, 291, 241, 279, 214, 296, 211, 276 और 192 एक्यूआई दर्ज किया गया. पंजाब में अमृतसर, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला, जालंधर और खन्ना में एक्यूआई क्रमशः 249, 208, 225, 260 और 212 दर्ज किया गया जो सभी 'खराब' श्रेणी में हैं.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 के बीच को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक्यूआई 178 दर्ज किया गया. पंजाब सरकार ने दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए रात 8 बजे से 10 बजे तक दो घंटे का समय दिया था, जबकि हरियाणा सरकार ने राज्य में केवल हरित पटाखों की अनुमति दी थी. यह भी पढ़ें : कड़ी मेहनत कर रहे हैं दिल्लीवासी, अभी लंबी दूरी तय करनी है: प्रदूषण पर केजरीवाल ने कहा
पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर खेतों में पराली भी जलाई गई. दोनों प्रदेशों में अक्टूबर और नवंबर में धान की पराली जलाए जाने के कारण भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि होती है. चूंकि धान की कटाई के बाद रबी फसल गेहूं के लिए किसानों के पास समय काफी कम रहता है, इसलिए वे फसल के अवशेषों को जल्दी से हटाने के लिए अपने खेतों में ही जला देते हैं.