विदेश की खबरें | गाजा में भीषण युद्ध के कारण सहायता आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इजराइली हमलों के कारण फलस्तीनी लोगों के लिए शरण लेने के स्थान भी कम होते जा रहे हैं।

दक्षिण पर हमले से घिरे तटीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापित होने का खतरा है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस क्षेत्र के लगभग 18 लाख से अधिक लोग (80 प्रतिशत से अधिक आबादी) पहले ही अपने घरों को छोड़ चुके हैं।

गाजा शहर के बड़े हिस्से सहित उत्तर का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो गया है। फलस्तीनियों को डर है कि गाजा के बाकी हिस्सों को भी इसी तरह का नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इजराइल हमास को खत्म करने की कोशिश कर रहा है, जिसकी इस क्षेत्र में गहरी जड़ें हैं।

इजराइल का कहना है कि सात अक्टूबर को हुए हमले के चलते युद्ध शुरू होने के बाद वह गाजा में हमास की सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं कर सकता है।

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कार्यालय ने कहा कि पिछले तीन दिनों में मिस्र की दक्षिणी सीमा पर स्थित रफाह के नजदीकी क्षेत्रों में ही आटे और पेयजल की सहायता पहुंचाई जा सकी है क्योंकि इजराइली बलों ने सड़कों को बंद किया हुआ है।

सहायता समूह ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने कहा कि दीर अल-बलाह में अल-अक्सा अस्पताल में ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति ‘‘गंभीर रूप से न्यूनतम स्तर’’ पर पहुंच गई है।

इसने कहा कि इस अस्पताल में रोजाना लगभग 200 घायलों को लाया जा रहा है।

गाजा में समूह की आपातकालीन संयोजक मैरी ओरे पी. रेवियाल ने कहा, ‘‘बिजली के बिना वेंटिलेटर काम करना बंद कर देंगे, रक्तदान बंद करना होगा।’’

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