वाशिंगटन/नयी दिल्ली, 10 जनवरी : यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वर्ष 2024 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा और ऐसा पहला वर्ष रहा जब वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने कहा कि 2024 में जनवरी से जून तक का हर माह अब तक का सबसे गर्म माह रहा.
जुलाई से दिसंबर तक, अगस्त को छोड़कर हर माह 2023 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर दूसरा सबसे गर्म माह रहा. कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) के वैज्ञानिकों के अनुसार 1850 में जब से वैश्विक तापमान की माप शुरू हुई है तब से 2024 सबसे गर्म वर्ष रहा. यह भी पढ़ें : Indian Passport Ranking: हेनले पासपोर्ट सूचकांक में भारत की रैंकिंग गिरकर 85वें स्थान पर पहुंची
औसत वैश्विक तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस रहा - जो 1991-2020 के औसत से 0.72 डिग्री अधिक और 2023 से 0.12 डिग्री अधिक है. वैज्ञानिकों ने पाया कि 2024 में औसत तापमान 1850-1900 की आधार रेखा से 1.60 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.