खेल की खबरें | एएफआई का अनुरोध, डोपिंग संकट से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा नमूने ले नाडा

अमृतसर, दो दिसंबर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने शनिवार को यहां कहा कि एएफआई ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) से अनुरोध किया है कि वह डोपिंग संकट से अधिक प्रभावी रूप से निपटने के लिए देश भर में राज्यों और जूनियर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के ज्यादा से ज्यादा नमूने एकत्रित करे।

विश्व एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष और कार्यकारी बोर्ड के सदस्य सुमरिवाला ने कहा कि नाडा के अनुशासनात्मक और अपीलीय पैनल को बेहतर लोगों की जरूरत है।

उन्होंने यहां एएफआई की शुरू हुई दो दिवसीय आम सालना बैठक में कहा, ‘‘मेरी कल नाडा के अधिकारियों से बैठक हुई। हम चाहते थे कि वे राज्य में होने वाली प्रतियोगिताओं में ‘डोप कलेक्टर्स’ (डोप नमूने लेने वाले) भेजें। हमने नाडा को बताया कि हम निगरानी रखने वाली राज्य प्रतियोगिताओं के बारे में उन्हें बतायेंगे ताकि वे पूरे देश में अपनी टीम भेजें। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘दो चीजें हो सकती हैं कि या तो एथलीट डर जायेंगे या फिर अगर आप जांच करते रहे तो इनमें से कुछ पकड़े जायेंगे। इससे डोप करने वाले खिलाड़ी जान जायेंगे कि वे राज्य प्रतियोगिताओं में भी डोपिंग नहीं कर सकते। ’’

जब उनसे पूछा गया कि इतनी ज्यादा संख्या में होने वाली जांच का खर्चा कौन उठायेगा तो सुमरिवाला ने कहा, ‘‘जांच का भुगतान कौन करेगा यह महत्वपूर्ण नहीं है। आखिरकार भारत की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें ओलंपिक के लिए बोली लगानी है तो हमें यह करना होगा, हमें इसका निवारण करना होगा। ’’

सुमरिवाला ने कहा, ‘‘नाडा को खेल को साफ सुथरा करने का काम करना होगा। ’’

उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी डोपिंग के लिए पकड़े गये, उन्हें पता था कि उन्होंने कौन सा पदार्थ लिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी जानता था कि वह क्या ले रहे था। 99 प्रतिशत जानते हैं कि वे क्या ले रहे हैं। ’’

सुमरिवाला ने कहा कि एएफआई ने नाडा को डोपिंग पर निगरानी रखने के लिए पर्याप्त जानकारी मुहैया करायी है।

उन्होंने नाडा में बेहतर पैनल रखने की उम्मीद जतायी। उन्होंने कहा, ‘‘हम नाडा पैनल में सुधार चाहते हैं जो कुछ सीनियर जज को शामिल करके हो सकता है। हमें बेहतर लोग चाहिए क्योंकि हमने देखा है कि पैनल जिन खिलाड़ियों को पाक साफ करार करता है, उन्हें बाद में एआईयू या वाडा प्रतिबंधित कर देता है। ’’

सुमरिवाला ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि ऐसी चीजें हों। हम लोगों का बेहतर पैनल चाहते हैं जिन्हें कानून की बेहतर समझ हो। ’’

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