देश की खबरें | ‘इंडिया’ के घटक दलों की नसीहत: क्षेत्रीय दलों को नजरअंदाज नहीं करे कांग्रेस

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों ने बुधवार को मुख्य विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह उन्हें नजरअंदाज कर रही है।

उनका कहना है कि भविष्य के चुनावों में कांग्रेस की तरफ से यह रवैया नहीं दोहराया जाना चाहिए।

हरियाणा के नतीजे आने के बाद कांग्रेस को सबसे ज्यादा शिवसेना (यूबीटी) से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उसने कहा कि कांग्रेस ने अन्य सहयोगी दलों की अनदेखी की जिसके कारण यह हार हुई है।

तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कुछ अन्य दलों के नेताओं ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के साथ मिलकर काम नहीं किया जिसके कारण हरियाणा में हार हुई।

कांग्रेस महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेगी और झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी, जो ‘इंडिया’ गठबंधन का ही हिस्सा हैं।

कई विपक्षी नेताओं ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह जहां कमजोर है, वहां क्षेत्रीय दलों पर भरोसा करती है, लेकिन जब उसे लगता है कि वह किसी राज्य में मजबूत है, तो गठबंधन नहीं करती।

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस का अति आत्मविश्वास हरियाणा में उसकी हार के लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल उन क्षेत्रों में सहयोगियों पर निर्भर रहती है जहां वह कमजोर है, लेकिन अपने मजबूत क्षेत्रों में उन्हें नजरअंदाज कर देती है।

शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि यह भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था और कांग्रेस को अपनी हार पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है।

टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर इसी तरह का विचार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस फिर से हार गई जब उसका सीधा मुकाबला भाजपा से था और क्षेत्रीय दल भाजपा को हराने में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

टीएमसी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन कांग्रेस के साथ समझौता नहीं हो पाने के बाद उसने पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ा था। कांग्रेस वाम दलों के साथ गठबंधन में लड़ी थी।

टीएमसी नेता ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) और झामुमो जैसी पार्टियों के साथ आगामी चुनावों में बुरा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर कटाक्ष करते हुए टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि क्षेत्रीय दलों को उन जगहों पर समायोजित नहीं करने का रवैया चुनावी हार का कारण बन रहा है , जहां उन्हें लगता है कि वे जीत रहे हैं।

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