लखनऊ, 22 अक्टूबर आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश में दलितों पर कथित रूप से हो रहे जुल्म के विरोध में बृहस्पतिवार को राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन किया।
लखनऊ के परिवर्तन चौक पर हुए इस प्रदर्शन के दौरान पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की सरकार जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते है ‘सबका साथ सबका विकास’, वहीं जब किसी दलित की बेटी पर कोई अत्याचार होता है तो योगी चुप्पी साध लेते हैं।
यह भी पढ़े | दिल्ली में स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं अभिभावक.
पार्टी के एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश वाल्मीकि ने इस मौके पर कहा कि हाथरस की घटना में जिस बेशर्मी और बेरहमी के साथ सरकार बलात्कारियों को बचाने में लगी हुई, इससे देश के दलित समाज के मन में ये बात पैदा कर उनके उस विश्वास को और मजबूर कर दिया कि भाजपा और योगी के राज में दलितों का सम्मान नहीं है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार से न्याय की उम्मीद खो चुके गाजियाबाद जिले के करहेड़ा गांव में वाल्मीकि समाज के लगभग 250 लोगों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया। उन्होंने यह कदम उस दुःख और पीड़ा के चलते उठाया कि हाथरस जैसी घटना में उनके समाज का मानमर्दन किया गया।
इस दौरान पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी नदीम अशरफ जायसी ने कहा कि उत्तर-प्रदेश की योगी सरकार दलित विरोधी है। योगी सरकार के राज में दलितों की आवाज को दबाया जा रहा है, उनके अधिकारों को कुचला जा रहा है। जिसकी वजह से दलित बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकार देखी है जो अपनी जातिवादी राजनीति की वजह से पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यों और ब्राह्मणों का विश्वास खो बैठी है।
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिये पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी की गई।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)