दिल्ली के स्कूलों में फिलहाल नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी. स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रखे गए हैं. अखिल भारतीय अभिभावक संघ ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि इस पूरे मौजूदा सत्र को ही जीरो अकादमिक ईयर घोषित किया जाए. दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले 2500 छात्रों के अभिभावकों ने दिल्ली सरकार को ईमेल भेज कर स्कूल न खोलने की मांग की है. इन अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन न आ जाए तब तक या फिर कम से कम 10 दिन कोरोना के नए केस न आने की स्थिति में ही स्कूल खोले जाने चाहिए.
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए. मौजूदा शैक्षणिक वर्ष को जीरो ईयर ईयर घोषित किया जाना चाहिए. सभी बच्चों को समय पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाना चाहिए."
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अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमें दूसरे स्थानों और देशों में हुए हादसों से सीखना चाहिए. स्कूल खोले जाने का निर्णय सरकार को लेना है. वहीं छात्रों और अध्यापकों की मुलाकात के दौरान भी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. स्कूल को सुबह शाम सैनिटाइज करना पड़ेगा, ताकि छात्रों को सुरक्षित माहौल मिल सके." दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली में सभी स्कूल कोरोना के कारण अभी 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे."
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि, "एक अभिभावक होने के नाते वे परिस्थिति की गम्भीरता को समझते हैं. इस समय बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम लिया जाना उचित नहीं होगा." शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार अपनी एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया है कि दिल्ली में सभी पाबंदियां 31 अक्टूबर तक यथावत रहेंगी.
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दूसरी और दिल्ली के स्कूलों में बेहतर प्रबंधन के लिए सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्यो को आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से ट्रेंनिग दी गई है. अभी तक इस प्रक्रिया के तहत कुल 700 प्रिंसिपल को यह ट्रेनिंग दी जा चुकी है.