नयी दिल्ली, 31 दिसंबर आम आदमी पार्टी (आप) को 2022 में पंजाब में अपनी चुनावी उपलब्धि और गोवा तथा गुजरात विधानसभा चुनावों में मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के बाद राष्ट्रीय पार्टी बनने की महत्वाकांक्षा को बल मिला है। हालांकि, इस दौरान पार्टी को दिल्ली इकाई के के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ ने 2022 की शुरुआत में ही 20 फरवरी को हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने के साथ एक महत्वपूर्ण शुरुआत की थी।
‘आप’ ने पंजाब चुनाव में कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 पर जीत दर्ज कर सत्तारूढ़ कांग्रेस का विजय रथ रोक दिया था और सत्ता हासिल कर ली थी।
कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस त्रिकोणीय मुकाबले में क्रमश: 16 और तीन सीटों पर जीत हासिल की थी।
गोवा में 14 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में, केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने दो सीट जीतने में कामयाबी हासिल की थी और 6.77 प्रतिशत वोट भी हासिल किए थे।
साथ ही इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर जीत हासिल करने और कुल 13 प्रतिशत वोट हासिल करने के बाद ‘आप’ की राष्ट्रीय पार्टी बनने की महत्वाकांक्षा को बल मिला।
‘आप’ ने चार दिसंबर को हुए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में जीत हासिल करने के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 15 साल के शासन को भी समाप्त कर दिया।
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ‘पीटीआई-’ को बताया, “कुल मिलाकर, यह वर्ष हमारे लिए बहुत अच्छा और महत्वपूर्ण रहा। हमारी पार्टी ने पंजाब में अपनी सरकार बनाई और दिल्ली में एमसीडी चुनाव भी जीता। पार्टी ने गोवा और गुजरात में विधानसभा चुनावों में क्रमश: दो और पांच सीटों पर जीत हासिल कर अपना खाता खोला।”
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