वाशिंगटन, 18 जून : दुनिया के दो सबसे पुराने व सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती का एक अनूठा रिश्ता है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन का भारत दौरा सुरक्षित तथा अधिक समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण के लिए इस साझेदारी को और गहरा करेगा. व्हाइट हाउस ने यह बात कही. सुलिवन 17 से 18 जून तक नयी दिल्ली की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद जो बाइडन प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी की यह पहली भारत यात्रा है. सुलिवन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की.
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ''विश्व के दो सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते अमेरिका और भारत के बीच दोस्ती का एक अनोखा रिश्ता है तथा सुलिवन का दौरा दोनों देशों के बीच साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाएगा ताकि सुरक्षित और अधिक समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का निर्माण हो सके.'' किर्बी ने कहा कि सुलिवन नयी दिल्ली में 'अमेरिका-इंडिया इनीशियेटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी' की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस पहल को आईसीईटी के नाम से भी जाना जाता है . यह भी पढ़ें : Landslide in Ecuador: इक्वाडोर में भूस्खलन के बाद आठ लोगों की मौत, मलबे में और शवों को तलाश रहे बचाव दल
उन्होंने कहा कि यह पहल अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, उन्नत दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग का विस्तार करने के लिए एक ऐतिहासिक साझेदारी है. किर्बी ने चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किए गए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया. गुप्ता पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की सुपारी देकर हत्या कराने की साजिश में शामिल रहने का आरोप है.