‘एअर इंडिया’ के एक विमान में 23 जून, 1985 को हुए बम विस्फोट में 329 लोग मारे गए थे. अधिकारियों ने बताया कि गोलीबारी में मारे गए रिपुदमन सिंह मलिक और अजैब सिंह बागरी को एअर इंडिया बम विस्फोट मामले में मार्च 2005 में अदालत ने बरी कर दिया था. रिपुदमन सिंह मलिक के बेटे ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘ मीडिया उन्हें हमेशा एअर इंडिया बम विस्फोट का एक आरोपी मानेगी. मीडिया और आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) कभी अदालत का फैसला स्वीकार नहीं करेगी. मैं दुआ करता हूं कि आज की इस वारदात का उससे कोई लेना-देना ना हो.’’
सर्रे में गोलीबारी के एक चश्मदीद ने बताया कि उन्होंने बृहस्पतिवार सुबह गोलियों की आवाज सुनी और जब वह बाहर पहुंचे, तो उन्होंने मलिक को उनकी कार में बेसुध पाया. ‘इंटिग्रेटिड होमीसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम’ ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम मलिक के इतिहास से वाकिफ हैं, हालांकि हम अब भी हमले का मकसद पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि गोलीबारी लक्षित प्रतीत होती है और आमजन को कोई खतरा नहीं है.’’ यह भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश : गोदावरी नदी के आसपास कई गांवों में बाढ़ का खतरा
सार्जेंट टिमोथी पिएरोटी ने बताया कि गोलीबारी आवासीय इलाके में होने के कारण चश्मदीद मामले की जांच में मदद कर सकते हैं. पुलिस ने बताया कि हमले के थोड़ी देर बाद ही कुछ ब्लॉक दूर ही एक वाहन में आग लगने की सूचना मिली. ऐसा माना जा रहा है कि हमले में इसी वाहन का इस्तेमाल किया गया था. गौरतलब है कि वैंकूवर के हवाई अड्डे पर एक विमान में सूटकेस में बम ले जाया गया था, जिसे फिर टोरंटो में एअर इंडिया फ्लाइट 182 में पहुंचाया गया. विमान आयरलैंड के तट पर अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी.