नयी दिल्ली, 23 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया जिनमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा सहित 2जी घोटाले के आरोपियों को बरी किए जाने के विरुद्ध अपील दायर करने की सीबीआई को मंजूरी दिए जाने के पीछे केंद्र की निर्णय प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने कहा कि सीबीआई द्वारा अपील विधिवत दायर की गई।
आगामी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे न्यायाधीश ने अपील को अपनी अदालत से मुक्त कर दिया और कहा कि यह मुख्य न्यायाधीश के आदेश के अनुसार इन्हें एक दिसंबर को दूसरी पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने बरी किए गए कुछ लोगों की इस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपील दायर करने से पहले अपनाई जाने वाली प्रक्रिया से संबंधित दस्तावेज रिकॉर्ड में लाने का केंद्र को निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था।
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इसने कहा कि अपील दायर करने के लिए अनुमति पत्रों को रिकॉर्ड में लाने के लिए सरकार किसी दायित्व से नहीं बंधी है।
बरी किए गए सभी व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ सीबीआई की ‘अपील की अनुमति’ पर उच्च न्यायालय ने अक्टूबर में दैनिक सुनवाई शुरू की थी।
सीबीआई के मामले में दलीलें पूरी करने के बाद उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के मामले को लिया था जिसमें विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
हालांकि, बरी किए गए लोगों और कंपनियों की ओर से बीच-बीच में विभिन्न आवेदन तथा याचिकाएं दायर की जाती रहीं।
विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में 21 दिसंबर 2017 को राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य को बरी कर दिया था।
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