Corona Outbreak: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, कहा- रेमडेसिविर की 7.7 लाख शीशियां राज्यों को भेजी गईं
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच विदेशों से सहायता के तौर पर प्राप्त 18,040 ऑक्सीजन सांद्रक (Oxygen Concentrator), 19,085 ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) और रेमडेसिविर (Remeddivir) की 7.7 लाख शीशियों को राज्यों (States) और केन्द्र शासित क्षेत्रों (Union Territory) को भेजा जा चुका है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health) ने शनिवार को बताया कि यह खेप राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों को 27 अप्रैल से 28 मई के बीच भेजी गई है. Corona Update: 14 अप्रैल के बाद से पहली बार 2 लाख से कम मामले सामने आए, 24 घंटे में 3,511 लोगों की हुई मौत

मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार को विभिन्न देशों और संगठनों से कोविड-19 राहत के तौर पर चिकित्सीय साजोसामान और अन्य आपूर्तियां 27 अप्रैल से हो रही हैं और इन्हें तत्परता के साथ राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों को भेजा जा रहा है.

इस प्रकार से 27 अप्रैल से 28 मई के बीच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सड़क और हवाई मार्ग से 18,040 ऑक्सीजन सांद्रक, 19,085 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन निर्माण संयंत्र, 15,256 वेंटिलेटर और बाइपैप, रेमडेसिविर की 7.7 लाख शीशियां और फेवीपिराविर की कम से कम 12 लाख गोलियां भेजी जा चुकी हैं.

इनमें सबसे बड़ी खेप 26 मई और 28 मई को तुर्की, भारतीय व्यापार संगठन (ताइवान), रोशे (स्विट्जरलैंड) और एली लिली से प्राप्त हुई जिनमें 20 ऑक्सीजन सांद्रक, पांच ऑक्सीजन सांद्रक संयंत्र, 680 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य सामान शामिल है.

मंत्रालय ने कहा कि इसमें तुर्की से प्राप्त 680 ऑक्सीजन सिलेंडर शामिल हैं, इसमें कुछ दिक्कतें हैं और इन्हें गोदाम में रखा गया है. मंत्रालय ने कहा कि प्रभावी तत्काल आवंटन, राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को इनकी प्राप्ति एक निरंतर प्रक्रिया है और वह नियमित तौर पर इसकी निगरानी कर रहा है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशों से मिल रही कोविड राहत समग्री और उन्हें विभिन्न स्थानों पर भेजने में समन्वय के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया है और यह प्रकोष्ठ 26 अप्रैल से काम कर रहा है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)