Gujarat: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर चप्पलें फेंकने के दोषी को 18 महीने की कैद

पुलिस ने एक बयान में बताया कि बावाजी ने दावा किया था कि वह उसके मामले की सुनवाई लंबित होने से नाराज था और इसलिए ही हताश होकर उसने न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी. यह देखते हुए कि न्यायाधीश पर चप्पल फेंकने का कृत्य ‘‘अत्यंत निदंनीय’’ है, मजिस्ट्रेट ने बावाजी को ‘प्रोबेशन’ के तहत राहत देने से इंकार कर दिया. इस प्रावधान के तहत दोषी के अच्छे आचरण को देखते हुए उसे रिहा कर दिया जाता है.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
Gujarat: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर चप्पलें फेंकने के दोषी को 18 महीने की कैद
जेल / प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) जिले के चाय बेचने वाले एक व्यक्ति को यहां मजिस्ट्रेट अदालत (Magistrate Court) ने न्यायाधीश (Judge) पर चप्पलें फेंकने के अपराध में 18 महीने की सजा सुनाई. दोषी व्यक्ति ने उसके एक मामले में सुनवाई लंबित होने से नाराज होकर 2012 में उच्च न्यायालय (High Court) के एक न्यायाधीश पर च�ाई चीनी व्यक्ति की पीटाई कर रहा है या मसाज? अनोखा वीडियो देख लोग हंस- हंस के हुए लोट पोट">Viral Video: यह बांग्लादेशी नाई चीनी व्यक्ति की पीटाई कर रहा है या मसाज? अनोखा वीडियो देख लोग हंस- हंस के हुए लोट पोट

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Gujarat: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर चप्पलें फेंकने के दोषी को 18 महीने की कैद

पुलिस ने एक बयान में बताया कि बावाजी ने दावा किया था कि वह उसके मामले की सुनवाई लंबित होने से नाराज था और इसलिए ही हताश होकर उसने न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी. यह देखते हुए कि न्यायाधीश पर चप्पल फेंकने का कृत्य ‘‘अत्यंत निदंनीय’’ है, मजिस्ट्रेट ने बावाजी को ‘प्रोबेशन’ के तहत राहत देने से इंकार कर दिया. इस प्रावधान के तहत दोषी के अच्छे आचरण को देखते हुए उसे रिहा कर दिया जाता है.

एजेंसी न्यूज Bhasha|
Gujarat: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर चप्पलें फेंकने के दोषी को 18 महीने की कैद
जेल / प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) जिले के चाय बेचने वाले एक व्यक्ति को यहां मजिस्ट्रेट अदालत (Magistrate Court) ने न्यायाधीश (Judge) पर चप्पलें फेंकने के अपराध में 18 महीने की सजा सुनाई. दोषी व्यक्ति ने उसके एक मामले में सुनवाई लंबित होने से नाराज होकर 2012 में उच्च न्यायालय (High Court) के एक न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी थी. मिर्जापुर (Mirzapur) ग्रामीण न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वीए धधल (VA Dhadhal) ने बृहस्पतिवार को भवानीदास बावाजी (Bhawanidas Bawaji) को भादंस की धारा 353 के तहत दोषी ठहराया. Gujarat: अहमदाबाद में लंबी मूंछ रखने पर एक दलित पर 11 लोगों ने किया हमला, अब तक 3 गिरफ्तार

पुलिस ने एक बयान में बताया कि बावाजी ने दावा किया था कि वह उसके मामले की सुनवाई लंबित होने से नाराज था और इसलिए ही हताश होकर उसने न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी. यह देखते हुए कि न्यायाधीश पर चप्पल फेंकने का कृत्य ‘‘अत्यंत निदंनीय’’ है, मजिस्ट्रेट ने बावाजी को ‘प्रोबेशन’ के तहत राहत देने से इंकार कर दिया. इस प्रावधान के तहत दोषी के अच्छे आचरण को देखते हुए उसे रिहा कर दिया जाता है.

मजिस्ट्रेन ने राजकोट के रहने वाले बावाजी को 18 माह कैद की सजा सुनाई है, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति देखते हुए उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया.

मामले के ब्यौरे के अनुसार, आरोपी ने 11 अप्रैल 2012 को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश केएस झावेरी पर अपनी चप्पलें फेंक दी थी, लेकिन वे उन्हें लगी नहीं थी. इसके बाद बावाजी को सोला पुलिस थाने के हवाले कर दिया था, जिसने उसके खिलाफ भादंवि की धारा 186 और 353 के तहत मामला दर्ज किया था.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Gujarat: उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पर चप्पलें फेंकने के दोषी को 18 महीने की कैद
जेल / प्रतीकात्मक तस्वीर (File Photo)

अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) के राजकोट (Rajkot) जिले के चाय बेचने वाले एक व्यक्ति को यहां मजिस्ट्रेट अदालत (Magistrate Court) ने न्यायाधीश (Judge) पर चप्पलें फेंकने के अपराध में 18 महीने की सजा सुनाई. दोषी व्यक्ति ने उसके एक मामले में सुनवाई लंबित होने से नाराज होकर 2012 में उच्च न्यायालय (High Court) के एक न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी थी. मिर्जापुर (Mirzapur) ग्रामीण न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी वीए धधल (VA Dhadhal) ने बृहस्पतिवार को भवानीदास बावाजी (Bhawanidas Bawaji) को भादंस की धारा 353 के तहत दोषी ठहराया. Gujarat: अहमदाबाद में लंबी मूंछ रखने पर एक दलित पर 11 लोगों ने किया हमला, अब तक 3 गिरफ्तार

पुलिस ने एक बयान में बताया कि बावाजी ने दावा किया था कि वह उसके मामले की सुनवाई लंबित होने से नाराज था और इसलिए ही हताश होकर उसने न्यायाधीश पर चप्पलें फेंक दी. यह देखते हुए कि न्यायाधीश पर चप्पल फेंकने का कृत्य ‘‘अत्यंत निदंनीय’’ है, मजिस्ट्रेट ने बावाजी को ‘प्रोबेशन’ के तहत राहत देने से इंकार कर दिया. इस प्रावधान के तहत दोषी के अच्छे आचरण को देखते हुए उसे रिहा कर दिया जाता है.

मजिस्ट्रेन ने राजकोट के रहने वाले बावाजी को 18 माह कैद की सजा सुनाई है, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति देखते हुए उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया.

मामले के ब्यौरे के अनुसार, आरोपी ने 11 अप्रैल 2012 को सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश केएस झावेरी पर अपनी चप्पलें फेंक दी थी, लेकिन वे उन्हें लगी नहीं थी. इसके बाद बावाजी को सोला पुलिस थाने के हवाले कर दिया था, जिसने उसके खिलाफ भादंवि की धारा 186 और 353 के तहत मामला दर्ज किया था.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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