कौन हैं इब्राहीम आकिल? हिजबुल्लाह का वो खूखांर कमांडर जिसे इजरायल ने हवाई हमले में मार गिराया

हाल ही में इजरायल ने बेयरूत में एक लक्षित हवाई हमले में हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर इब्राहीम आकिल की हत्या की घोषणा की. आकिल, जो हिजबुल्लाह की विशेष रडवान फोर्स के प्रमुख थे, एक महत्वपूर्ण बैठक में अन्य वरिष्ठ कमांडरों के साथ थे जब यह हमला हुआ. इस हमले में लगभग 10 अन्य शीर्ष हिजबुल्लाह नेताओं की भी जान गई. हिजबुल्लाह ने आकिल की मौत की पुष्टि की और उन्हें 'उनके महान नेताओं में से एक' करार दिया.

इब्राहीम आकिल कौन था?

इब्राहीम आकिल, जिसे उसके उपनाम हज्ज अब्दुल कादेर से जाना जाता था, हिजबुल्लाह की सैन्य संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था. वह फुआद शुकर के बाद दूसरे क्रम में था, जिसे इजरायल ने जुलाई 2023 में एक समान हमले में मार डाला था. आकिल की पहचान उसके युद्धकौशल और हिजबुल्लाह की जमीनी गतिविधियों में उसके नेतृत्व के लिए की जाती थी.

आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता

आकिल का आतंकवादी गतिविधियों में लंबा इतिहास था. वह 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हुए बम विस्फोट से जुड़े थे, जिसमें 63 लोग मारे गए थे. अमेरिकी सरकार ने आकिल पर 7 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था. इसके अलावा, वह 1980 के दशक में दो जर्मनों के अपहरण और 1986 में पेरिस में बम विस्फोटों से भी जुड़े थे.

वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित

2015 में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने आकिल और शुकर को आतंकवादियों के रूप में प्रतिबंधित किया. 2019 में, अमेरिकी विदेश विभाग ने आकिल को 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी' के रूप में आधिकारिक तौर पर नामित किया. ये कदम आकिल की आतंकवादी गतिविधियों में गहरी संलिप्तता को दर्शाते हैं, जिससे वह हिजबुल्लाह की गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए थे.

क्षेत्रीय तनाव में वृद्धि

आकिल की हत्या इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जारी संघर्ष का एक हिस्सा है. इस हमले से पहले, हजारों हिजबुल्लाह operatives के पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट होने की रिपोर्ट थी, जिससे 37 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए. आकिल की मौत को हिजबुल्लाह के नेतृत्व और संचालन क्षमता के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

इब्राहीम आकिल की मौत हिजबुल्लाह के सैन्य नेतृत्व में शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है. इस घटना ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव को और बढ़ा दिया है, जहां हिजबुल्लाह का प्रभाव, जो ईरान के समर्थन से है, इजरायली-लेबनानी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है. आकिल की मौत से हिजबुल्लाह की रणनीतियों और उनकी कार्रवाईयों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है.