अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वो ईरान के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन बनाने की अपनी योजना को आगे बढ़ाता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. इस चेतावनी के बाद पाकिस्तान के माथे पर चिंता की लकीरे खींच गई है.
ईरान से सस्ता गैस आयात करने के लिए पाकिस्तान ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन बनाने की कोशिश कर रहा है. इस परियोजना को कई सालों से अटका हुआ है. लेकिन हाल ही में दोनों देशों ने इस पर फिर से काम शुरू करने की बात कही है.
अमेरिका को पसंद नहीं ये योजना
लेकिन अमेरिका को ये योजना पसंद नहीं है. अमेरिका का कहना है कि ईरान के साथ व्यापार करने से उनके प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है और इससे पाकिस्तान को दिक्कतें आ सकती हैं. अमेरिका ने पाकिस्तान को ये भी सलाह दी है कि वो ईरान के बजाय किसी और देश के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन बनाने का विकल्प चुनें.
Report:— US warns Pakistan that if it pursues Iran-Pakistan gas pipeline, it can lead to sanctions by US.
— South Asia Index (@SouthAsiaIndex) March 27, 2024
बता दें कि अमेरिका ने ईरान पर अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं. इन प्रतिबंधों के तहत ईरान के साथ तेल और गैस जैसे ऊर्जा क्षेत्रों में व्यापार करना गैर-कानूनी माना जाता है.
ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन: एक विवादित परियोजना
परियोजना का इतिहास:
ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन (आईपीजीपी) एक प्रस्तावित प्राकृतिक गैस पाइपलाइन है जो ईरान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत से शुरू होकर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में समाप्त होगी. इस परियोजना की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी, लेकिन राजनीतिक और आर्थिक बाधाओं के कारण इसे कई बार टाल दिया गया.
परियोजना का विवरण:
- लंबाई: 1,100 किलोमीटर (683 मील)
- क्षमता: प्रतिदिन 21.5 मिलियन घन मीटर गैस
- लागत: अनुमानित $7.5 बिलियन
- रूट: ईरान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत से शुरू होकर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में समाप्त होगा.
परियोजना के विवाद
- अमेरिकी प्रतिबंध: ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण इस परियोजना को आगे बढ़ाने में कई बाधाएं हैं.
- सुरक्षा: पाइपलाइन के रास्ते में कई सुरक्षा चुनौतियां हैं, जैसे कि आतंकवाद और अस्थिरता.
- वित्तपोषण: परियोजना के लिए वित्तपोषण की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है.
परियोजना की वर्तमान स्थिति
- 2023 में ईरान और पाकिस्तान ने पाइपलाइन परियोजना पर फिर से काम शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.
- अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि वह इस परियोजना को आगे बढ़ाता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
- परियोजना के भविष्य को लेकर अभी भी बहुत अनिश्चितता है.
निष्कर्ष:
ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन एक महत्वपूर्ण परियोजना है जो दोनों देशों को लाभ पहुंचा सकती है. हालांकि, परियोजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें अमेरिकी प्रतिबंध, सुरक्षा और वित्तपोषण शामिल हैं. यह देखना बाकी है कि क्या ये चुनौतियाँ दूर हो पाएंगी और परियोजना को पूरा किया जा सकेगा.