
जब भी दुनिया पर कोई मुश्किल घड़ी आती है, तो लोग अक्सर तनाव को कम करने के लिए मजाक या ह्यूमर का सहारा लेते हैं. ये बात एक बार फिर सच साबित हुई है, जब रविवार की सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया. इस खबर के आते ही सोशल मीडिया, खासकर एक्स (पहले ट्विटर) पर, तीसरे विश्व युद्ध (#WorldWar3) से जुड़े मीम्स की बाढ़ आ गई है.
हुआ क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर ऐलान किया कि अमेरिका ने ईरान में तीन जगहों – फोरदो, नतांज और इस्फहान – पर एक "सफल हमला" किया है. उन्होंने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान ने कोई जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की, तो अमेरिका और भी ठिकानों पर "पूरी सटीकता, तेजी और कुशलता के साथ" हमला कर सकता है.
इस हमले को एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है. इसका मतलब है कि अमेरिका अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए चल रहे इजरायल के अभियान में सीधे तौर पर शामिल हो गया है.
There’s always a tweet. pic.twitter.com/ju1RfTXEah
— 🇨🇦CoffeyTimeNews🇨🇦 (@CoffeyTimeNews) June 22, 2025
सोशल मीडिया पर क्यों बन रहे हैं मीम्स?
इस हमले के बाद दुनिया भर में एक बड़े युद्ध का डर फैल गया है. इसी डर और चिंता को लोग मीम्स बनाकर जाहिर कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अमेरिका में ‘World War III’ ट्रेंड करने लगा. इन मीम्स के जरिए लोग मजाकिया अंदाज में यह दिखा रहे हैं कि अगर तीसरा विश्व युद्ध छिड़ गया तो आम लोगों का क्या होगा. यह तनाव के माहौल में घबराहट को कम करने का एक तरीका बन गया है.
I THOUGHT TRUMP WAS GOING TO LOWER GROCERY PRICES NOT CAUSE WORLD WAR III???!!!
— 🌷 #MC16 #TypeDangerous (@HallOfMimi) June 22, 2025
went to movies for 2 hours in a theatre with no service just to walk out and find World War III is in motion. pic.twitter.com/GWq9xZPQJC
— gliss (@glisteninnn) June 22, 2025
ईरान ने क्या कहा?
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने भी माना है कि उसके फोरदो, इस्फहान और नतांज के परमाणु ठिकानों पर हमले हुए हैं. हालांकि, ईरान ने जोर देकर कहा है कि इन हमलों से उसका काम रुकेगा नहीं और वह अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा.
World War 3 😭 #Iran #Israel pic.twitter.com/fiLHc9f4AX
— Rishh (@Riocasm) June 22, 2025
अधिकारियों के अनुसार, ईरान के कुछ परमाणु ठिकाने जमीन के बहुत नीचे और बेहद मजबूती से बनाए गए हैं. इन्हें तबाह करने के लिए अमेरिका के खास स्टील्थ बॉम्बर्स और लगभग 13,500 किलोग्राम वजनी 'बंकर बस्टर' बमों की जरूरत थी, जो सिर्फ अमेरिका के पास ही हैं.