डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का कार्यकाल पूरा होने में दो सप्ताह से भी कम समय रह गया है, फिर भी सांसद और यहां तक कि उनके प्रशासन के कुछ लोग भी बुधवार की हिंसा को लेकर यह चर्चा कर रहे हैं क्योंकि पहले तो ट्रंप ने यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में अपने समर्थकों के हिंसक हंगामे की निंदा करने से इनकार किया और बाद में इस पर सफाई देते दिखे. ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी 25वें संशोधन की धारा चार के तहत अपनी ही कैबिनेट से उन्हें जबरन हटाने की संभावना पर गौर कर रहे हैं.
पेलोसी ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह उपराष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट के अन्य अधिकारियों के फैसले का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वित्त मंत्री स्टीव मनुचिन को चुनौती दी. पेलोसी ने पूछा, ‘‘क्या वे इन कार्रवाइयों में साथ देंगे? क्या वे इस बात के लिए तैयार हैं कि अगले 13 दिन में यह खतरनाक शख्स हमारे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सके.’’ पेलोसी ने कहा कि ट्रंप को अब कुछ भी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. बुधवार को कैपिटल में हंगामे के लिए अधिकतर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन नेताओं ने ट्रंप को जिम्मेदार बताया है.
सीनेट में डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने भी कैबिनेट से ट्रंप को हटाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘अगर उपराष्ट्रपति और कैबिनेट ने इस पर फैसला नहीं लिया तो कांग्रेस उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगी.’’ इस बीच ट्रंप के एक शीर्ष सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि राष्ट्रपति को हिंसा में अपनी भूमिका स्वीकार लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रंप का सहयोग करने पर कोई पछतावा नहीं है लेकिन यह पूरा मामला उनका खुद का किया है. उन्होंने कहा, ‘‘जब बात जवाबदेही की आती है तो राष्ट्रपति को यह समझना चाहिए कि उनकी कार्रवाई समस्या है समाधान नहीं.’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)