31 देशों के सैन्य गठबंधन नाटो को जल्द ही स्वीडन के रूप में नया सदस्य मिलने जा रहा है. तुर्की और हंगरी ने स्वीडन को लेकर अपनी आपत्तियां वापस लेने का फैसला किया है.लिथुएनिया की राजधानी विलिनुस में नाटो के सम्मेलन के उद्घाटन से ठीक पहले यह खबर आई. नाटो के महासचिव येंस श्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार सुबह कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि तुर्की, अब नाटो में स्वीडन की सदस्यता का विरोध नहीं करेगा. श्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "सबसे जरूरी बात यह है कि हमारे पास तुर्की के अनुमोदन का स्पष्ट फैसला है."
नाटो के सम्मेलन में इन मुद्दों पर रहेगा फोकस
नाटो में शामिल हुआ फिनलैंड
नाटो महासचिव के मुताबिक तुर्की नए सदस्य को नाटो में शामिल करने के लिए जरूरी प्रोटोकॉल जमा करने को तैयार है. सोमवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने नाटो महासचिव और स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टनसन से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद श्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "यह स्वीडन के लिए अच्छा है, यह तुर्की के लिए भी अच्छा है और ये पूरे नाटो और बाल्टिक क्षेत्र के लिए भी बेहतर है."
तुर्की को मिलेंगे F-16
नाटो में स्वीडन की एंट्री पर तुर्की की सहमति से ठीक पहले अमेरिका ने तुर्की को एफ-16 लड़ाकू विमान देने का वादा किया. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन, अमेरिकी कांग्रेस के मशविरा करने के बाद अंकारा को F-16 लड़ाकू विमान मुहैया कराएंगे.
स्वीडन की नाटो में एंट्री रोकने में हंगरी की भी बड़ी भूमिका रही है. तुर्की की हरी झंडी के बाद हंगरी ने भी लचीला रुख अपनाने का संकेत दिया है. हंगीर के विदेश मंत्री के मुताबिक स्वीडन को नाटो में शामिल करने की प्रक्रिया अब "बस एक तकनीकी सवाल" है.
ओेएसजे/एसबी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)