Iran-Israel Conflict: ईरान पर ट्रंप के बदले तेवर! इजरायल को चेताया, कहा- 'फोर्दो को छू भी नहीं पाओगे'

इस समय पश्चिम एशिया में हालात बहुत तनावपूर्ण हैं. इजरायल और ईरान के बीच पिछले नौ दिनों से लगातार जंग चल रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर हवाई हमले कर रहे हैं, जिससे शहर के शहर बर्बाद हो रहे हैं. इस लड़ाई की मुख्य वजह ईरान का परमाणु कार्यक्रम है, जिसे इजरायल किसी भी कीमत पर रोकना चाहता है.

अमेरिका की भूमिका और चेतावनी 

इजरायल इस लड़ाई में अकेला नहीं पड़ना चाहता. उसने ईरान के परमाणु ठिकानों, खासकर जमीन के नीचे बने 'फोर्दो' न्यूक्लियर प्लांट को तबाह करने के लिए अमेरिका से सैन्य मदद मांगी है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति का एक बड़ा बयान सामने आया है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान के खिलाफ अपनी फौज भेजेगा, तो उन्होंने कहा:- "यह हमारा आखिरी विकल्प होगा."

उन्होंने यह भी साफ किया कि इजरायल अकेले ईरान के फोर्दो प्लांट को पूरी तरह नष्ट नहीं कर सकता. वे शायद थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचा दें, लेकिन उसे खत्म करना उनकी क्षमता से बाहर है.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी संकेत दिया कि कोई भी बड़ा कदम उठाने के लिए अब सिर्फ दो हफ्ते का समय बचा है.

कितना खतरनाक है ईरान का परमाणु कार्यक्रम? 

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का मानना है कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने की पूरी ताकत है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अगर ईरान के सुप्रीम लीडर आदेश दे दें, तो ईरान कुछ ही हफ्तों में परमाणु बम बना सकता है. उनके मुताबिक, बम बनाने के लिए जो भी सामान चाहिए, वह सब ईरान के पास मौजूद है. अगर ऐसा हुआ तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन जाएगा.

कैसे शुरू हुई यह जंग? 

इस ताज़ा लड़ाई की शुरुआत 12 जून को हुई, जब इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया. इस हमले से ईरान भड़क गया और उसने जवाबी कार्रवाई में इजरायल की राजधानी तेल अवीव और दूसरे रिहायशी इलाकों पर मिसाइलें दागनी शुरू कर दीं. तब से दोनों तरफ से हमले जारी हैं.

'ऑपरेशन सिंधु': ईरान से भारतीयों की वापसी 

इस जंग के बीच हजारों भारतीय ईरान में फंस गए थे. भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ईरान से बात की, जिसके बाद ईरान ने भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है.

  • भारत सरकार ने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिंधु' चलाया है.
  • इस ऑपरेशन के तहत शुक्रवार रात को 290 भारतीयों को सुरक्षित भारत लाया गया.
  • इससे पहले 19 जून को भी 110 भारतीय वापस लौटे थे.

सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो दिनों में करीब एक हजार और भारतीयों को वहां से निकाला जाए.

कुल मिलाकर, स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है और पूरी दुनिया की नजरें इस जंग के अगले मोड़ पर टिकी हैं.