Myanmar-Bangladesh: यूं तो हर कोई अपने मां बाप को सर आंखों पर बिठाना चाहता है. हर कोई चाहता है कि उसके रहते उसके मां बाप को हर वो सुकून मिले जिसकी वे कामना करते हैं. ऐसे में सारी चीजों को वो अपने माता पिता को देता है जो उसके बस में है. लेकिन कुछ के लिए अपने मां बाप का सपना पूरा करना उनका खुद का भी सपना होता है तो कुछ सिर्फ और सिर्फ अपने माता पिता के सपनों के लिए ही जीवित रहते हैं. ऐसा ही एक ऐसा बेटा म्यांमार का है जिसे 'कलयुग का श्रावण कुमार' कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
दरअसल, हर्ष गोयनका ने एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें एक लड़का अपने बुजुर्ग माता-पिता को श्रावण की तरह उठाए हुए है. इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए हर्ष गोयनका ने कहा, ये बेटा अपने माता-पिता को इस तरह उठाकर यात्रा कर रहा है. म्यांमार से बांग्लादेश का 7 दिनों का लंबा सफर एक बेटा अपने माता-पिता को लेकर ऐसे तय करेगा.
दरअसल, इस लड़के के माता पिता शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. कमजोरी के चलते चलने फिरने में वे असमर्थ हैं. ऐसे में जब बात जरूरत की पड़ी तो बेटे जरा भी न सोचा और म्यांमार से बांग्लादेश की दूरी पैदल ही तय कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेटा अपने माता-पिता के साथ म्यांमार में रहता था लेकिन अब वे बांग्लादेश जा रहे हैं.
एक तो शारीरिक रूप से अस्वस्थ माता-पिता ऊपर से गरीबी की मार. बांग्लादेश जाने की इच्छा के चलते ये बेटा 'कलयुग का श्रावण कुमार' बना और माता पिता को इस तरह अपने कंधे पर उठाकर पैदल ही सफर शुरू कर दिया.
इस बेटे की जिंदादिली और प्रेम के चलते वो देखते ही देखते आज ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. लोगों ने उसकी तुलना सतयुग के श्रावण कुमार कर दी. जब उससे इस बारे में बात की गई तो उसने सिर्फ इसे अपना कर्तव्य बताया. लड़के की इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोगों को अलग-अलग रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं.