रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि भारत रूस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत हो रहे हैं. लावरोव ने ये बातें प्रिमाकोव रीडिंग फोरम में कही, जहाँ उन्होंने भारत-रूस संबंधों पर चर्चा की.
लावरोव ने कहा, "हमारे बीच व्यापार में अब राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है. लगभग 60% व्यापार अब रूबल और रुपए में हो रहा है." उन्होंने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं.
"India is key priorities for us, 60% of trade in national currencies now", says Russian Foreign Minister Sergey Lavrov on India Russia ties at Primakov Reading forum pic.twitter.com/fR8YYaRqIE
— Sidhant Sibal (@sidhant) June 26, 2024
यह बयान इस वक्त काफी महत्वपूर्ण है जब दुनिया में कई देश अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व से मुक्त होने की कोशिश कर रहे हैं. रूस और भारत दोनों ही अमेरिका के प्रति अपने आर्थिक संबंधों में कमी लाने और अपने राष्ट्रीय मुद्राओं को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं. यह रुझान वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव ला सकता है.
लावरोव ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग मजबूत हो रहा है. यह बयान दर्शाता है कि रूस भारत को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के तौर पर देखता है. भारत के लिए भी रूस एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है. दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में व्यापार होता है. रूस से भारत को सस्ता तेल और गैस मिलता है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
यह बयान भारत-रूस संबंधों में एक नया अध्याय की शुरुआत का संकेत देता है. यह देखना होगा कि दोनों देश आगे आने वाले समय में अपने संबंधों को किस तरह से मजबूत करते हैं और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव डालता है.