Black Sea में आर्मी की तरह ट्रेंड जासूसी डॉल्फिंस का इस्तेमाल कर रहा है रूस, सैटेलाइट तस्वीरों से खुला ये राज
(Photo Credit : Twitter/Maxar)

Russia Deployed Trained Dolphins: रूस और यूक्रेन के जंग (Russia-Ukraine war) के बीच कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरे सामने आई हैं, जिसने सभी को चौका दिया है. क्रीमिया में काले सागर (Black Sea) में नौसैनिक अड्डे को अंडर वॉटर अटैक से बचाने के लिए, रूस ने सैन्य-प्रशिक्षित डॉल्फ़िन (Military-Trained Dolphins) की तैनाती की है. ये डॉल्फ़िन काले सागर में रूस की रखवाली कर रही हैं. अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी मैक्सार (Maxar) ने इसकी सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिसके बाद रूस के इस रणनीति का पता चल गया. Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर किया साइबर हमला- माइक्रोसॉफ्ट रिपोर्ट में हुआ खुलासा

इन तस्वीरों का विश्लेषण यूएस नेवल इंस्टीट्यूट ने किया है. बताया जा रहा है कि फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की शुरुआत के आसपास सेवस्तोपोल बंदरगाह (Sevastopol harbor) के प्रवेश द्वार पर दो डॉल्फ़िन मछलियों को तैनात किया गया था. क्रीमिया के दक्षिणी सिरे पर स्थित यह बंदरगाह रूस के लिए काफी महत्व रखता है. इसलिए बॉटलनोज़ डॉल्फ़िन बंदरगाह की रक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं.

1960 के दशक से रूस समुद्री जानवरों को सैन्य प्रशिक्षण दे रहा है और उन्हें तैनात कर रहा है. इससे पहले अमेरिका ने भी डॉल्फ़िन और सील का इस्तेमाल किया था. जबकि, USSR ने आर्कटिक के इलाकों में डॉल्फिन, बेलुगा व्हेल और सील को तैनात किया था.

फोर्ब्स के मुताबिक, 2018 में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि रूस ने सीरिया के युद्ध के दौरान, सीरिया के टार्टस में एक बेस पर डॉल्फ़िन की तैनाती की थी. एक साल बाद, नॉर्वे के मछुआरों ने बताया कि एक पालतू बेलुगा व्हेल उनकी नावों को परेशान कर रही थी. उस व्हेल ने एक पट्टा पहना हुआ था जिसपर लिखा था'- सेंट पीटर्सबर्ग के उपकरण', जिससे पता चलता है कि वह एक जासूसी डॉल्फ़िन था.

डॉल्फ़िन हाई पिच सीटी की आवाज़ के ज़रिए कम्यूनिकेट कर सकती हैं. साथ ही, वे ऑब्जेक्ट्स को सेंस कर लेती हैं और इकोलोकेशन के माध्यम से दूरी का भी पता लगा लेती हैं.