रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. वोटिंग 15 मार्च से 17 मार्च के बीच होगी. इस चुनाव में व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का राष्ट्रपति चुना जाना करीब-करीब तय है. ये पहली बार है जब रूस में तीन दिन तक वोटिंग होगी. पुतिन के सामने कोई दमदार विपक्ष नहीं है. यह चुनाव स्वतंत्र मीडिया और प्रतिष्ठित अधिकार समूहों का क्रूरता से दमन, पुतिन को राजनीतिक व्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण देने और यूक्रेन के खिलाफ मॉस्को के युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश करने की पृष्ठभूमि में हो रहा है.
मतदान देश के 11 ‘टाइम जोन’ (समय क्षेत्र) के साथ ही यूक्रेन के अवैध रूप से कब्जाए क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर शुक्रवार से रविवार तक चलेगा. इस चुनाव में पुतिन (71) का जीतना लगभग तय है क्योंकि उन्हें चुनौती देने वाला कोई उम्मीदवार नहीं है. रूस में राष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया काफी अलग है. वहां 'पॉपुलर वोट' से राष्ट्रपति चुने जाते हैं.
उनके राजनीतिक विरोधी या तो जेल में हैं या विदेश में निर्वासित हैं और उनमें से सबसे उग्र विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की हाल में एक दूरस्थ क्षेत्र में मौत हो गयी. चुनाव में खड़े तीन अन्य उम्मीदवार क्रेमलिन की विचारधारा पर चलने वाले सांकेतिक विपक्षी दलों के कम चर्चा में रहने वाले प्रत्याशी हैं.
यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने उन यूक्रेनी क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए रूस की निंदा की है जिन पर मॉस्को की सेनाओं ने कब्जा कर लिया है.