जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर परिवार समेत लापता, FATF के ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए चली नई चाल
इमरान खान और मसूद अजहर (Photo Credit-IANS/Twitter)

पाकिस्तान (Pakistan) की पनाह में पलकर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) का मुखिया मसूद अजहर परिवार समेत लापता हो गया है. यह बात किसी को हजम तो हो नहीं रहा है लेकिन पाकिस्तान ने जानकारी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) को सूचित कर के दिया है. पाकिस्तान ने यह साजिश इस लिए रचा है कि भारत समेत पूरी दुनिया को गुमराह किया जा सके. क्योंकि उसे एफएटीएफ की काली सूची में शामिल होने से बचना है. मसूद अजहर ने पुलवामा हमले और मुंबई हमले की जिम्मेदारी ले चूका है. जिसके उपर भारत कड़ी कार्रवाई करने की मांग हमेशा से करता रहा है. वहीं मसूद अजहर को इंटरनेशल आतंकवादी अमेरिका घोषित कर चूका है.

बता दें कि एफएटीएफ की पेरिस में 16 से 21 फरवरी तक बैठक होगी. ग्लोबल मनी लांड्रिंग और टेरर फाइनेसिंग पर रोक लगाने की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति का जायजा लिया जाएगा। यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी. पाकिस्तान बहरहाल एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में है और अप्रैल तक उसे इस सूची से बाहर नहीं किया गया तो आखिरकार पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट यानी काली सूची वाले देशों के समूह डाल दिया जाएगा, जिसके बाद उसके ऊपर ईरान की तरह गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लागू होगा. पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. यह भी पढ़ें:- पीएम इमरान खान ने कहा- भ्रष्ट नहीं हूं, इसलिए सेना से नहीं डरता.

गौरतलब हो कि इस दौरान पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने की समीक्षा होने की प्रबल संभावना है. ऐसे में पाकिस्तान एफएटीएफ जांच में अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को साधने में जुटा हुआ है. चीन, तुर्की और मलेशिया द्वारा भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किए जाने की संभावना है. एफएटीएफ के अनुसार, जिन महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी, उनमें इस दिशा में ईरान और पाकिस्तान की प्रगति शामिल है. अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पैसे का इस्तेमाल पर लगाम लगाने की दिशा में वैश्विक संगठन कार्रवाई करेगा, ताकि इससे लोगों और समाज को हो रहे नुकसान पर रोक लग सके. ( एजेंसी इनपुट्स)