'कश्मीर ऑवर' में छलका इमरान खान का दर्द, अपनी जनता से कहा- कोई भी देश हमारी बात नहीं सुन रहा
इमरान खान (Photo Credits: Facebook)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को एक बार फिर भारत को परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी दी है. कश्मीर (Kashmir) के लोगों का रहनुमा होने का दावा करने वाले इमरान ने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि कश्मीर में क्या हो रहा है. अगर कश्मीर में मुसलमान नहीं होते तो दुनिया की प्रतिक्रिया कुछ और होती. दुनिया को पता होना चाहिए कि जब दो परमाणु देश आमने-सामने होंगे, तो पूरी दुनिया को नुकसान उठाना पड़ेगा.

न्यूक्लियर वॉर की धमकी देते हुए इमरान खान ने कहा कि आज हमारा कश्मीर बहुत कठिन समय से गुजर रहा हैं. पिछले चार हफ्तों से लगभग आठ मिलियन कश्मीरियों को कर्फ्यू लगाकर बंद कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक कश्मीरियों को उनकी आजादी नहीं मिल जाती, हम उनके साथ खड़े रहेंगे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को अपने देशवासियों से 'कश्मीर ऑवर' में भाग लेने की अपील की थी. इसके तहत शुक्रवार दोपहर 12 से लेकर 12:30 बजे के बीच जनता को सड़कों पर आने के लिए कहा था.

यह भी पढ़े- पाकिस्तान ने मानी भारत की बात, कश्मीर पर तनातनी के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर का नहीं रोका काम

इमरान ने दोहराया कि अगर भारत ने आज़ाद जम्मू और कश्मीर (पाक अधिकृत कश्मीर) में कोई कार्रवाई करने की योजना बनाई तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. हमारी सेना सभी हालात से निपटने के लिए तैयार है. कंगाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कश्मीर मसले पर न उनकी अमेरिका सुन रहा है और न ही संयुक्त राष्ट्र. उन्होंने अपने संबोधन में कहा आरोप लगाया कि अगर कश्मीर में अधिकतर जनता मुस्लिम नहीं होती तो पूरी दुनिया उनके साथ खड़ी होती.

गौरतलब हो कि इसी महीने मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है और वह कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि पाकिस्तान का चीन के अलावा किसी भी देश ने साथ देने से साफ मना कर दिया.

पाकिस्तान के मित्र देश चीन की मांग पर इस महीने की शुरूआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दे पर बंद कमरे में एक बैठक हुयी थी. हालांकि, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के ज्यादातर सदस्य देशों ने यह विचार प्रकट किया कि भारत और पाक को कश्मीर मुद्दे का हल द्विपक्षीय तरीके से करना चाहिए. इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कश्मीर मुद्दा उठाएंगे.