चंडीगढ़: करीब एक महीने से कश्मीर (Kashmir) मसले को लेकर भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) का काम तेजी से चल रहा है. दोनों देशों के बीच रिश्तों में बढ़ी खटास का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. अधिकारियों की मानें तो तय समय में सारे काम भी पूरे हो जाएंगे. इस बीच दोनों देशों के अधिकारी आज मिलकर इस परियोजना पर बातचीत करेंगे.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक करतारपुर साहिब कॉरिडोर के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच बन रहे सड़क का निर्माण सुचारू रूप से जारी है. सड़क बनाने के काम में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कहा कि हाल ही में भुगतान को लेकर ठेकेदारों और मजदूरों के बीच कुछ समस्याएं हुई थी. हालांकि बाद में इसे सुलझा लिया गया और काम समय पर पूरा हो जाएगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने एक बयान में कहा था कि वह इस मामले की शीघ्र प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो कि गलियारे से नवंबर 2019 में गुरू नानक देवजी के 550वीं जयंती समारोह के लिए उचित समय पर आवागमन शुरू हो. यह पर्व भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में मनाया जाता है.
Gurdaspur: The road construction of the #KartarpurCorridor continues smoothly. Construction Office Joginder Singh says, "some issues occurred recently between the contractors & labourers over the latter's payment. That has been sorted. Work will complete on time." #Punjab pic.twitter.com/ON8yRw4i1f
— ANI (@ANI) August 29, 2019
गौरतलब हो कि 4.2 किलोमीटर लंबे करतारपुर कॉरीडोर का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के हिस्से में पड़ता है. यह कॉरीडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में मौजूद डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं के वीजा मुक्त आवागमन में मदद करेगा. श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल परमिट लेना होगा. सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरु नानक देव ने 1522 ईसवी में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी. गुरु नानक 1939 में अपने मुत्यु र्पयत वहां 18 साल तक रहे थे.
गौरतलब हो कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा रद्द किये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि पाकिस्तान का चीन के अलावा किसी भी देश ने साथ देने से साफ मना कर दिया.
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उधर, भारत ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाना आंतरिक विषय है. साथ ही, पाकिस्तान को सच्चाई को स्वीकार करने की सलाह दी है.