पाकिस्तान में हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने सबसे ज्यादा सीटें जीती है मगर वह अब भी बहुमत के आंकड़े से दूर है. एक ओर जहां इमरान अपनी पार्टी के लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं तो वहीं दूसरी ओर नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टी उनकी प्रधानमंत्री बनने की राह में रोड़े अटकाने की कोशिश कर रही हैं. नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) और बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत कई दल इमरान के सामने पीएम का उम्मीदवार खड़ा करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इमरान के खिलाफ पीएम पद के लिए नवाज शरीफ की पार्टी से कोई खड़ा हो सकता हैं.
बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने आम चुनावों में 116 सीट अपने नाम की हैं वहीं सरकार बनाने के लिए 137 सीटों की जरुरत होती हैं. इमरान खान फिलहाल इसी काम में जुटे हुए है और बहुमत के लिए सभी छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे है.
इमरान विरोधियों की संख्या:
इस बार के चुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन के 64, भुट्टो की पार्टी पीपीपी के 43, एमएमए के 12 सांसदों को वहां की अवाम ने जिताया हैं. इस गठबंधन के साथ 6 और निर्दलीय सांसद के भी साथ आने की बात कही जा रही है. ऐसे में यह आंकड़ा 125 तक पहुंचता है.
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान का इमरान को समर्थन का ऐलान:
मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने की घोषणा की है. बता दें कि इमरान खान की पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के अध्यक्ष से मुलाक़ात कर समर्थन मांगा था.
इमरान को छोटे दलों का सहारा:
सरकार बनाने की कवायद में जुटे इमरान खान छोटे दलों के सहारे प्रधानमंत्री बनाने की योजना बना रहे हैं. पीटीआई ने साफ किया है कि वह सरकार बनाने के लिए पीएमएल-एन और पीपीपी की मदद नहीं लेगी. पाकिस्तान में कुल 13 निर्दलीय चुनकर आए हैं. पीटीआई नेताओं ने सिंध के ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (जीडीए) से भी समर्थन के लिए संपर्क किया है.