पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी किरकिरी करवा दी है. दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के इस्लामिक आतंकवाद पर दिए गए बयान को लेकर पाकिस्तानी संसद में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. इस दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने प्रस्ताव दिया कि, पाकिस्तानी राजदूत को वापस बुला लिया जाए. विदेश मंत्री कुरैशी के के इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान की संसद में सहमति भी बन गई. प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ सहित सभी विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन महीनों से फ्रांस (France) में पाकिस्तान का कोई राजदूत ही नहीं है.
पाकिस्तानी राजदूत मोइन-उल-हक पहले ही फ्रांस छोड़ चुके हैं. पाकिस्तानी सरकार ने उनका तबादला कर उन्हें चीन में पाकिस्तान का नया राजदूत नियुक्त किया था. तब से फ्रांस में पाकिस्तान का कोई राजदूत नहीं है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तीन महीने बाद भी इस पद पर नियुक्ति नहीं की है. लेकिन विदेश मंत्रालय को खुद किसी चीज की जानकारी नहीं है. इसके बाद अब पाकिस्तान को लेकर सोशल मीडिया पर लोग जमकर मजे ले रहे हैं. Blast in Peshawar: पाकिस्तान के पेशावर में बड़ा धमाका, 7 की मौत, 70 से अधिक घायल.
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नेशनल असेंबली में एक प्रस्ताव रखा जिसमें फ्रांस में कार्टून के प्रकाशन और कुछ देशों में "इस्लाम के खिलाफ कृत्यों की निंदा की गयी. इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि यह रेखांकित किया गया कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान सहित दुनिया भर में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं. इस तरह के कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर उचित नहीं ठहराया जा सकता है.
(इनपुट भाषा से भी)