Israel-Iran War: दहशत में मिडिल ईस्ट! हाई अलर्ट पर ईरान की सेना, जबरदस्त हमला करने वाला है इजरायल

मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर है, क्योंकि इजरायल और ईरान के बीच जबरदस्त संघर्ष की स्थिति बन रही है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने अपनी सशस्त्र सेनाओं को उच्चतम स्तर की सतर्कता पर रखा है. यह कदम तब उठाया गया है जब इजरायल, ईरान के हालिया मिसाइल हमले के जवाब में बड़े पैमाने पर पलटवार करने की तैयारी कर रहा है.

संभावित इजरायली हमले के लक्ष्य 

इजरायल के पलटवार में सबसे प्रमुख लक्ष्यों में ईरान के मिसाइल और हवाई ठिकाने शामिल हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि खोर्रमाबाद के पास स्थित भूमिगत मिसाइल कॉम्प्लेक्स, जहां बैलिस्टिक मिसाइलें संग्रहीत और लॉन्च की जाती हैं, इजरायली हमले के प्राथमिक लक्ष्यों में हो सकता है. इस कॉम्प्लेक्स की रणनीतिक स्थिति, इजरायल और इराक सीमा के करीब होने के कारण, इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण बनाती है.

इसके अलावा, ईरान के हवाई अड्डों और वायुसेना के ठिकानों पर भी हमले की संभावना है. इजरायल का उद्देश्य ईरान की वायु सेना को कमजोर कर, उसकी भविष्य की हवाई या मिसाइल हमलों की क्षमता को कम करना हो सकता है. इसके साथ ही, ईरान के परमाणु ठिकानों, हथियार निर्माण स्थलों और मुख्यालयों को निशाना बनाकर, इजरायल ईरान की युद्ध क्षमताओं को पंगु बना सकता है.

ईरान के भूमिगत सैन्य ठिकाने 

ईरान के केर्मानशाह की पहाड़ियों के नीचे कई भूमिगत सैन्य ठिकाने स्थित हैं, जो इसे बाहरी हवाई हमलों से सुरक्षित रखते हैं. इन ठिकानों में एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल बैटरियां तैनात हैं, जो किसी भी हवाई खतरे को भांपने के लिए हमेशा सतर्क रहती हैं. खोर्रमाबाद के पास स्थित इमाम अली मिसाइल साइलो बेस एक और महत्वपूर्ण स्थान है, जहाँ बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार है, जो 1,300 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखता है.

ईरान की वायु रक्षा प्रणाली 

इजरायल के संभावित हमले को देखते हुए, ईरान ने अपने महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है. ईरान की शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम "अज़ारखश" अब पूरी तरह सक्रिय हो गई है. इसके अलावा, लंबी दूरी की रूसी प्रणाली एस-200 और एस-300 के साथ ईरान की खुद की विकसित की गई बावर-373 प्रणाली भी तैनात की गई हैं.

मध्यम दूरी पर अमेरिका द्वारा निर्मित MIM-23 हॉक, HQ-2j, और Khordad-15 प्रणाली तैनात की गई हैं. निकट दूरी की सुरक्षा के लिए, चीनी निर्मित CH-SA-4 और रूसी 9K331 Tor-M1 सिस्टम भी पूरी तरह सक्रिय हैं. इन सभी प्रणालियों के साथ, ईरान की वायु रक्षा कई परतों में सुसज्जित है, जो किसी भी हवाई हमले से बचाव करने में सक्षम है.

इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता हुआ 

इस संघर्ष की शुरुआत ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद हुई. इजरायल की सेना अब इस हमले का जवाब देने के लिए तैयार है, और ईरान की तेल और नौसैनिक सुविधाओं को निशाना बनाए जाने की संभावना है. ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह संघर्ष किस हद तक जाता है और इसका प्रभाव पूरे मध्य पूर्व पर क्या पड़ता है.

इस संकटपूर्ण स्थिति में, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए यह संघर्ष अत्यधिक खतरनाक साबित हो सकता है. अगर इजरायल और ईरान के बीच खुला युद्ध छिड़ता है, तो इसका परिणाम केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में व्यापक अस्थिरता फैल सकती है.