शनिवार को हुए ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के रनऑफ में सुधारवादी उम्मीदवार और हृदय रोग विशेषज्ञ मसूद पेज़ेशकियन (Masoud Pezeshkian) विजयी हुए हैं. पश्चिम के साथ संबंधों को मजबूत करने और देश के अनिवार्य हिजाब कानून के लागू होने में ढील देने के वादे के साथ उन्होंने यह जीत हासिल की. यह जीत ऐसे समय में हुई है जब ईरान पर प्रतिबंध और विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्लामी गणराज्य पर दबाव बढ़ा हुआ है. पेज़ेशकियन के प्रतिद्वंद्वी, कट्टरपंथी सईद जलिली को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
अपने चुनाव प्रचार के दौरान पेज़ेशकियन ने ईरान के शिया धर्म तंत्र में कोई बड़ा बदलाव करने का वादा नहीं किया. वे लगातार सर्वोच्च नेता आयातोल्ला अली खामनेई को राज्य से संबंधित सभी मामलों में अंतिम अधिकार के रूप में मान्यता देते रहे हैं. हालांकि, पेज़ेशकियन के मध्यम लक्ष्यों को ईरानी सरकार से चुनौती मिलने की संभावना है जो अभी भी कट्टरपंथियों के नियंत्रण में है. इसके साथ ही गज़ा पट्टी में इज़रायल-हमास संघर्ष और तेहरान द्वारा यूरेनियम को हथियार स्तर के करीब समृद्ध करने को लेकर पश्चिमी देशों की चिंता भी एक चुनौती है.
BREAKING: Masoud Pezeshkian wins presidential election in Iran
— BNO News (@BNONews) July 6, 2024
अधिकारियों द्वारा दिए गए वोट गणना के अनुसार, पेज़ेशकियन को शुक्रवार के चुनाव में 16.3 मिलियन वोट मिले, जबकि जलिली को 13.5 मिलियन वोट मिले. यह चुनाव ईरान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है. यह देखना बाकी है कि पेज़ेशकियन अपने वादे पूरे कर पाते हैं और ईरान में सुधार का युग आता है या नहीं.