LIVE: दिनभर की ताजा खबरें और अपडेट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

आज दिनभर की सभी खबरों और अपडेट के लिए हमारे साथ जुड़े रहें. हम आपके लिए देश और दुनिया के साथ राजनीति, खेल, विज्ञान और दिनभर की तमाम खबरों से जुड़े लाइव अपडेट के साथ हाजिर हैं. बस हमारे साथ बने रहें.- यूएनएससी बैठक में पहलगाम हमले पर पाकिस्तान से मांगा गया जवाब

- सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति की जानकारी

- इस्राएली अधिकारियों का दावा, गजा पर 'पूरी तरह' से कब्जे की तैयारी

7 मई को भारत में सुरक्षा ड्रिल, ब्लैकआउट, निकासी और हॉटलाइन का होगा परीक्षण

केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद, सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 7 मई को एक नागरिक सुरक्षा ड्रिल के लिए तैयारी कर रहे हैं. गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह अभ्यास देश के 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में आयोजित किया जाएगा और इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन और उसे बढ़ाना है.

पिछली बार इस तरह की ड्रिल 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध से पहले हुई थी, जिसमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. अधिसूचना में कहा गया है कि इस ड्रिल में जिला नियंत्रक, विभिन्न जिला प्राधिकरण, नागरिक सुरक्षा वार्डन/स्वयंसेवक, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और कॉलेज व स्कूल के छात्र सक्रिय रूप से भाग लेंगे. नागरिकों को "शत्रुतापूर्ण हमले" का जवाब देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा.

ड्रिल के दौरान वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लाइनें भी चालू रहेंगी. यह नियंत्रण कक्षों और शैडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता का भी परीक्षण करेगा. नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण में क्रैश ब्लैकआउट उपाय शामिल हैं, जिसका अर्थ है हवाई हमलों से बचाव के लिए नियोजित ब्लैकआउट पर प्रशिक्षण. नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन और आश्रय तकनीकों में भी प्रशिक्षित किया जाएगा.

जर्मन संसद में मैर्त्स चांसलर बनने में विफल, गठबंधन को झटका

जर्मन रूढ़िवादी नेता फ्रीडरिष मैर्त्स मंगलवार, 6 मई को संसद में चांसलर बनने के लिए आवश्यक संसदीय बहुमत जुटाने में विफल रहे, जो उनके केंद्र-वाम सोशल डेमोक्रेट्स के साथ नए गठबंधन के लिए एक अप्रत्याशित झटका है. पहले दौर के मतदान में मैर्त्स को 310 वोट मिले जो आवश्यक 316 के बहुमत से छह कम है.

जर्मन कानून के अनुसार, अगर मैर्त्स पहले दौर के मतदान में पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहते हैं, तो दूसरा दौर आयोजित किया जाता है. बुंडेस्टाग के पास तब चांसलर पद के लिए दूसरे उम्मीदवार को चुनने के लिए 14 दिन होते हैं. अगर मतदान का यह दूसरा दौर भी परिणाम देने में विफल रहता है, तो चुनाव प्रक्रिया तीसरे चरण में प्रवेश करती है जिसमें तुरंत एक नया चुनाव होना चाहिए. सबसे अधिक वोट (सापेक्ष बहुमत) प्राप्त करने वाले व्यक्ति को तब चांसलर चुना जाता है.

फरवरी में हुए राष्ट्रीय चुनावों में मैर्त्स के रूढ़िवादी सीडीयू-सीएसयू गुट ने जीत हासिल की, लेकिन 28.5 फीसदी वोटों के साथ उसे कम से कम एक साथी की आवश्यकता है.

कश्मीर में होटल और हाउसबोट दे रहीं 70 फीसदी तक की छूट

22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद कश्मीर जाने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. ऐसे में वहां के होटल और हाउसबोट अब पर्यटकों को 70 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं. यह क्षेत्र काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर है इसलिए पर्यटकों की संख्या घटने की वजह से स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है.

जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद में कमी आने और चार सालों तक चले युद्धविराम की वजह से पर्यटन में उछाल आया था. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पिछले साल 30 लाख से ज्यादा पर्यटक कश्मीर घूमने गए थे. इस साल भी गर्मियों की शुरुआत में ज्यादातर होटल, हाउसबोट और टैक्सी बुक हो चुकी थीं. लेकिन पहलगाम हमले के बाद ज्यादातर बुकिंग रद्द हो चुकी हैं. ऐसे में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट दी जा रही है.

दूसरी तरफ, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में सीमा पर स्थित नीलम घाटी को भारतीय हमले की आशंका के चलते बंद कर दिया गया है. घाटी में स्थित सभी 370 होटल और गेस्ट हाउस खाली पड़े हैं. इस क्षेत्र में पर्यटन से करीब 16 हजार लोगों को रोजगार मिलता था. सीमा से दूर स्थित पीर चिनासी इलाके में भी होटल और रेस्तरां आदि में कम भीड़ नजर आ रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने बताई जजों की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी. वेबसाइट पर बताया गया है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के दौरान किन कारकों पर विचार किया जाता है. इस प्रक्रिया में कितने चरण होते हैं और किन बातों का पालन किया जाता है.

उदाहरण के लिए, हाईकोर्ट में जज बनने के लिए योग्यता और ईमानदारी मुख्य मानदंड हैं. दो तिहाई पद बार के सदस्यों के लिए और एक तिहाई पद न्यायिक अधिकारियों के लिए होते हैं. यह देखा जाता है कि अधिवक्ताओं का कोर्ट में प्रदर्शन कैसा है और उन्होंने कितना निःशुल्क काम किया है. साथ ही सामाजिक विविधता और महिलाओं एवं समाज में हाशिए पर मौजूद अन्य वर्गों के प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी भी दी है कि 9 नवंबर 2022 से लेकर 5 मई 2025 तक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में नियुक्ति के लिए किन जजों के नाम प्रस्तावित किए. इसमें जजों के नाम, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सिफारिश की तारीख, न्याय विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी करने की तारीख, नियुक्ति की तारीख और उनके वर्ग की जानकारी शामिल है. यह जानकारी भी अपलोड की गई है कि क्या उम्मीदवार हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा जज से संबंध रखता है.

जानकारी के मुताबिक, 9 नवंबर 2022 से लेकर 5 मई 2025 तक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्टों में नियुक्ति के लिए 303 उम्मीदवारों में से 170 की नियुक्ति को मंजूरी दी. इनमें से सात जज अनुसूचित जाति से, पांच अनुसूचित जनजाति से, 21 अन्य पिछड़ा वर्ग से और 23 अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. 28 जज महिलाएं हैं और 12 अन्य जजों के रिश्तेदार हैं.

इस्राएली अधिकारियों का दावा, गजा पर 'पूरी तरह' से कब्जे की तैयारी

इस्राएली कैबिनेट ने 5 मई को एक योजना को मंजूरी दी है जिसके तहत गजा पट्टी के पूरे इलाके पर कब्जा किया जाएगा और इस्राएली सेना अनिश्चित काल तक वहां बनी रहेगी. समाचार एजेंसी एपी ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इस योजना का उद्देश्य हमास को हराना और गजा में बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाना है. इस कदम से गजा में इस्राएल के सैन्य अभियानों का व्यापक रूप से विस्तार होने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र विरोध होने की संभावना है.

इस योजना के तहत, हजारों फिलिस्तीनियों को गजा के दक्षिणी हिस्से में स्थानांतरित करने की भी बात कही गई है, जिससे पहले से ही गंभीर मानवीय संकट और गहरा सकता है. अधिकारियों ने बताया कि इस योजना को धीरे धीरे लागू किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, इस योजना में हमास को मानवीय सहायता के वितरण से रोकने के उपाय भी शामिल हैं, क्योंकि इस्राएल का आरोप है कि हमास इस सहायता का उपयोग अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए करता है.

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब इस्राएल और हमास के बीच अमेरिकी मध्यस्थता वाली युद्धविराम वार्ता बीच मार्च में टूट गई थी, जिसके बाद इस्राएली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने फिलस्तीनी क्षेत्र पर भीषण हमले किए, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और बड़े पैमाने पर जमीन कब्जा की गई है.

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सार्वजनिक की अपनी संपत्ति की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजों की संपत्तियों और देनदारियों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है. कानूनी मामलों की वेबसाइट लाइव लॉ के मुताबिक, इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की गई है. न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और जनता के भरोसे को बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया है.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और 20 अन्य जजों की संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की गई है. इनमें वे तीन अन्य जज भी शामिल हैं जो भविष्य में सीजेआई की कुर्सी तक पहुंच सकते हैं. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट के जजों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सीजेआई को देना होता था लेकिन इस ब्यौरे को गोपनीय रखा जाता था.

यह कदम 1 अप्रैल को सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता में हुई पूर्ण न्यायालय की बैठक के बाद उठाया गया है. इस बैठक में सभी जजों ने अपनी संपत्तियों के ब्यौरे को सार्वजनिक करने पर सहमति व्यक्त की थी. दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास से नोटों की गड्डियां मिलने के बाद एक बहस शुरू हो गई थी. इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया है.

अपलोड की गई जानकारी के मुताबिक, सीजेआई संजीव खन्ना के एफडीआर और बैंक खातों में करीब 55.75 लाख रुपये हैं. साल 1989 में खुले उनके पीपीएफ अकांउट में 1,06,00,000 रुपये हैं. उनके जीपीएफ में 1.77 करोड़ रुपये हैं. उनके पास, मारुति सुजुकी की स्विफ्ट कार है, जिसे उन्होंने 2015 में खरीदा था.

यूएन सुरक्षा परिषद बैठक में पहलगाम हमले पर पाकिस्तान से मांगा गया जवाब

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भारत के साथ तनाव और पहलगाम हमले पर बंद कमरे में हुई परामर्श बैठक में पाकिस्तान से जवाबदेही की मांग की है. वैश्विक सुरक्षा निकाय के सदस्यों ने पाकिस्तान के परमाणु बयानबाजी को भी तनाव बढ़ाने वाला बताते हुए स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के इस्लामाबाद के प्रयासों को विफल कर दिया.

परिषद के 10 गैर स्थायी सदस्यों में से एक पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव को देखते हुए यूएनएससी से "बंद परामर्श" का अनुरोध किया था. एक घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के दौरान, यूएनएससी के सदस्यों ने हमले की निंदा की और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया.

img