इस्तांबुल: पत्रकार जमाल खशोगी हत्याकांड मामले में सऊदी अरब के लोक अभियोजक ने 11 आरोपियों में से 5 आरोपियों को सजा-ए-मौत देने की मांग की है. अभियोजन ने बताया कि पांच सऊदी आरोपियों ने खशोगी को नशीली दवा दी और मौत के घाट उतारने के बाद उनके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. इस मामले में अभियोजक का कहना है कि वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार की हत्या के मामले में 11 संदिग्धों को दोषी पाया गया है, जिसमें 10 अन्य को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है. इस हिसाब से इस हत्याकांड से 21 लोग कथित रूप से जुड़े हुए हैं.
इस मामले में सऊदी अरब के लोक अभियोजक ने 5 आरोपियों के लिए मौत की सजा देने की मांग की है. इन 5 आरोपियों पर अपराध का आदेश देने और हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है. इसके अलावा इस हत्याकांड के बाकी आरोपियों के लिए भी उचित सजा की मांग की गई है.
हालांकि इस मामले में अभियोजक ने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पाक साफ करार दिया है. उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने खगोशी की हत्या का आदेश दिया था, न कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पांच सऊदी आरोपियों ने खशोगी को नशीली दवा दी और उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किए. यह भी पढ़ें: बेटे अब्दुल्ला खशोगी ने की पिता जमाल खशोगी के पार्थिव शरीर की मांग
उधर, सरकारी वकील के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस हत्या के बारे में जानकारी नहीं थी. प्रवक्ता के मुताबिक, सऊदी अरब के खुफिया विभाग के उप प्रमुख जनरल अहमद अल-असिरी ने खशोगी को स्वदेश आने के लिए विवश किया था और इस्तांबुल गए वार्ता दल के प्रमुख ने उनकी हत्या का आदेश दिया था.
बताया जाता है कि खशोगी तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और इसी दूतावास के अंदर नशीला पदार्थ देकर उनकी हत्या की गई थी. हत्या के बाद उनके शव के टुकड़ों को वाणिज्य दूतावास के बाहर एक एजेंट को सौंपा गया था.
उधर, सरकारी वकील के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस हत्या के बारे में जानकारी नहीं थी. प्रवक्ता के मुताबिक, सऊदी अरब के खुफिया विभाग के उप प्रमुख जनरल अहमद अल-असिरी ने खशोगी को स्वदेश आने के लिए विवश किया था और इस्तांबुल गए वार्ता दल के प्रमुख ने उनकी हत्या का आदेश दिया था.
बताया जाता है कि खशोगी तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास गए थे और इसी दूतावास के अंदर नशीला पदार्थ देकर उनकी हत्या की गई थी. हत्या के बाद उनके शव के टुकड़ों को वाणिज्य दूतावास के बाहर एक एजेंट को सौंपा गया था.