इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) की हिंदू मेडिकल छात्रा की मौत के मामले की न्यायिक जांच, सिंघ हाई कोर्ट (Singh High Court) की इस संबंध में दी गई अनुमति के बाद शुक्रवार से शुरू होगी. मेडिकल छात्रा की इस महीने की शुरुआत में उसके हॉस्टल कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था.
एसएचसी के एक न्यायाधीश ने सिंघ सरकार द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र में मामले की न्यायिक जांच की मांग के बाद इसकी अनुमति दी. लरकाना के उप महानिरीक्षक (DIG) इरफान अली बलूच ने डॉन न्यूज से बुधवार को इस घटनाक्रम की पुष्टि की.
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उन्होंने कहा, "यह फैसला किया गया कि न्यायाधीश शुक्रवार से न्यायिक जांच की प्रक्रिया शुरू करेंगे." उन्होंने कहा कि जज के हॉस्टल के कमरे में जाने की संभावना है, जहां से निमृता कुमारी का शव बरामद किया गया था. उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सेलफोन और लैपटॉप की फोरेंसिक रिपोर्ट को भी उनसे साझा किया जाएगा.
निमृता का शव 16 सितंबर को लरकाना के शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी (एसएमबीबीएमयू) में उनके छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटका मिला था. वह विश्वविद्यालय के बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी प्रोगाम में दाखिला लिया था और वह फाइनल इयर की छात्रा थी.
पुलिस का मानना है कि उनसे आत्महत्या की थी, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ हिंदू समुदाय के नेताओं का कहना है कि उसकी हत्या की गई है और उसकी हत्या की जांच के लिए संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) गठन की मांग की.
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, निमृता के भाई विशाल ने मीडिया से कहा कि उसकी गर्दन के आसपास के निशान से पता चलता है कि उसने आत्महत्या नहीं की. विशाल डॉव मेडिकल कॉलेज करांची में मेडिकल कंसल्टेंट हैं.